सार
मोबाइल की बढ़ती लत की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल उत्तर प्रदेश का पहला मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र है। यहां डॉक्टरों की मदद से मोबाइल का नशा उतरा जाता है।
प्रयागराज: बीते दिनों देखने को मिला है कि मोबाइल की लत की वजह से कई खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया है। हाल ही में लखनऊ में पबजी खेलने को लोकर नाबालिग बेटे ने अपनी मां को मौत के घाट उतार दिया था। बच्चों को गेमिंग की लत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में एक अस्पताल सामने आया है जहां इस तरह के बच्चों का इलाज किया जाता है।
डॉक्टरों की मदद से उतारा जाता है मोबाइल का नशा
मोबाइल की बढ़ती लत की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल उत्तर प्रदेश का पहला मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र है। यहां डॉक्टरों की मदद से मोबाइल का नशा उतरा जाता है।
बच्चों, बड़े और महिलायें मोबाइल के आदी
दरअसल, मोबाइल की लत लोगों के लिए परेशानी सबब बन चुकी है। बच्चों, बड़े और महिलायें मोबाइल के आदी हो चुके हैं। लोग मोबाइल पर गेम खेलने के साथ ही चैटिंग, फोटो अपडेट करने और कमेंट करने लगे रहते हैं। इसका स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। लोग चिडचिड़ेपन और बेचैनी के शिकार भी हो रहे हैं।
प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल में मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र की शुरुआत तीन साल पहले हुई। यहां मोबाइल और इंटरनेट की लत छुडाने के लिए खास ओपीडी चलती है। यहां आने वाले मरीजो की काउंसिलिग की जाती है।
यही नहीं जरूरत पड़ने पर दवायें भी दी जाती है। यहां काउंसिलिंग और दवाओं के साथ ही कुछ खास थिरेपी व योग भी बताया जाएगा। डॉक्टर राकेश कुमार पासवान कहना है कि मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र पर मोबाइल से जुड़ी हुई विभिन्न प्रकार की समस्याओं का इलाज किया जाता है।
काउंसिलिंग कर किया जाता है इलाज
डॉक्टर राकेश बताते हैं कि लोगों में गेमिंग और सोशल मीडिया एडिक्शन ज्यादा रहता है। यहां पर साइकोथेरेपी के माध्यम से पीडि़त की काउंसिलिंग कर लत छ़ुडा़ने का प्रयास करते हैं। साथ ही साथ कभी-कभी बीमारी की स्थिति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो हम लोग दवा भी देते हैं।
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