सार
राजधानी के इको गार्डेन पार्क पर संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन मे हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की चमकीली कोठियों में बैठने वालों को समझाने में हमें एक साल लगा। जो कुछ लोग बात करने आते थे उनकी भाषा दूसरी थी उनकी भाषा को ट्रांसलेट करने में हमें 12 महीने का समय लग गया।
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कृषि कानून (Agriculture Bill) को वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं, इसके बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन आगे बढ़ा रहा है। राजधानी के इको गार्डेन पार्क पर संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने किसान आंदोलन के दौरान मृत 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की।
सरकार को उनकी भाषा में समझाना पड़ा
राकेश टिकैत ने कहा दिल्ली की चमकीली कोठियों में बैठने वालों को समझाने में हमें एक साल लगा। जो कुछ लोग बात करने आते थे उनकी भाषा दूसरी थी उनकी भाषा को ट्रांसलेट करने में हमें 12 महीने का समय लग गया। जो कानून आप लेकर आये हैं, उससे देश के किसान, गरीब, दुकानदार का नुकसान होगा।
29 नवंबर तक तय समय पर होंगे सभी कार्यक्रम
टिकैत ने कहा कानून वापसी की बात तो की लेकिन किसानों को बांटने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बोले हम कुछ लोगों को समझाने में नाकाम रहे हम देश से मांफी मांगते है, मांफी मांगने से किसानों को फसल की दाम नहीं मिलेंगे। इनको दाम मिलेगा MSP पर गारंटी कानून बनाने से, इन किसानों, गरीबों और दुकानदारों का भला देश में पॉलिसी बनने से भला होगा। अपनी मांगों के मुद्दों को उठाते हुए राकेश टिकैत ने कहा 29 नवंबर तक हमारे सभी कार्यक्रम बदस्तूर जारी रहेंगे।
राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग
राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है। कहा, MSP पर क़ानून बनाओ। उन्होंने कहा कि दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम ख़िलाफ़ हैं, बीज क़ानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि यूपी में आंदोलन से पहले ही सरकार ने तीन कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया है, इसलिए जीत का जश्न है और किसानों में आगे की जंग का जज्बा भी है।
प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी- योगेन्द्र
योगेंद्र यादव ने कहा कि वह तो बहुत पहले से कह रहे थे कि कृषि कानून मर चुके हैं, अब उन्हें डेथ सर्टिफिकेट चाहिए। पीएम ने उसकी भी घोषणा कर दी है। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी लगी है, जनता एक साल से दवाई कर रही थी लेकिन उसका असर नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल चुनाव ने छोटा इंजेक्शन दिया और यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा इंजेक्शन लगाने से पहले ही बड़ा असर हो गया है। ये जीत किसानों की है।