सार
यूपी को रविवार को 310 स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिल गए। लखनऊ के लोकभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉक्टरों को ज्वाइनिंग लेटर दिया। प्रदेश में 1200 विशेषज्ञ डॉक्टरों का चयन किया गया है। अन्य को भी अगले चरण में नियुक्ति पत्र दिये जाएंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश को रविवार को 310 स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Up Cm Yogi Adityanath)ने लोक भवन में डॉक्टरों को जॉइनिंग लेटर वितरित किया। इसके साथ ही 15 जिलों में कोरोना (Corona) की बायो सेफ्टी लेवल टू लैब का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि आशंका जताई गई कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) आएगी। हम लोगों ने उसी समय योजना बनानी शुरू कर दी। हमने कहा कि हम प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आने देंगे
15 जिलों में बायो सेफ्टी लेवल टू लैब का उद्घाटन
इसके साथ ही सीएम योगी ने 15 जिलों में कोरोना की बायो सेफ्टी लेवल टू लैब का उद्घाटन किया। लैब के शुभारंभ के बाद सीएम योगी ने कहा कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि आशंका जताई गई कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आएगी। हम लोगों ने उसी समय योजना बनानी शुरू कर दी। हमने कहा कि हम प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आने देंगे।
तीसरी लहर की कोई आशंका नहीं- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर विकसित देशों में आई है लेकिन प्रदेश में तीसरी लहर की कोई आशंका फिलहाल नहीं है, फिर भी इन सब के बावजूद सतर्कता और सावधानी बहुत जरूरी है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की काफी कमी थी। विभाग की समीक्षा में भी यह बात आई कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। आप सभी पर एक बड़ी जिम्मेदारी है, उसे मेहनत से सफल करना है। सीएम योगी ने कहा कि एक चिकित्सक के प्रति सामान्य नागरिकों के मन में सम्मान का भाव है, लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है। एक समय था कि जब लोग चिकित्सकों को धरती का भगवान करते थे, उस भावना को व्यवसायीकरण की वजह से चिकित्सकों ने खोया है।
बेहतर हुईं स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के डाक्टरों का एक बड़ा तबका अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा की है। कोरोना का पहला मामला आगरा में देखने को मिला था, प्रयोगशाला नहीं थी इलाज की व्यवस्था नहीं थी। आज प्रदेश में 4.5 लाख जांच कर सकते हैं। पहले 36 जिलों में आईसीयू की व्यवस्था नहीं थी, आज 75 जिलों में आईसीयू की व्यवस्था है और यूपी में 518 आक्सीजन प्लांट लगाए गए है, 31 और आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।