सार
आगरा में प्रत्याशियों के उलटफेर का खेल जारी है। बुधवार को बीएसपी और समाजवादी पार्टी दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को बदल दिया है। प्रत्याशियों के बदलने का कारण उनकी क्षेत्र में पकड़ कमजोर बताई जा रही है। पार्टी द्वारा लिए गए फीडबैक में वे फेल साबित हुए हैं।
सुनील कुमार, आगरा
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सियासी हवाएं तेजी से बह रही है। बुधवार को आगरा में दो पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की टिकट काटकर बड़ा उलटफेर किया है। बीएसपी ने एत्मादपुर से सर्वेश बघेल का टिकट काटकर बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे राकेश बघेल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद सीट पर अपना प्रत्याशी बदल दिया है। समाजवादी पार्टी ने हिस्ट्रीशीटर अशोक दीक्षित की बेटी रुपाली दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है, जबकि तीन दिन पहले राजेश कुमार शर्मा को इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया था। इसके अलावा आगरा में दो और सीटों पर उलटफेर की संभावनाएं बनी हुई हैं। राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चाओं से प्रत्याशियों के हलक सूखे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा का शंखनाद हो चुका है। पहले चरण में 10 फरवरी से चुनाव होंगे। बुधवार को आगरा में एक दर्जन से अधिक प्रत्याशियों ने अपने नामांकन कर दिए हैं। जिनमें पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य भी शामिल रहीं। नामांकन प्रक्रिया 14 जनवरी को शुरू हुई है जो कि 21 जनवरी तक चलेगी। बीजेपी ने अपनी सभी नौ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लेकिन बीएसपी और समाजवादी पार्टी में अभी हलचल है। दल बदलकर आए नेताओं का स्थानीय स्तर पर विरोध किया जा रहा है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने अपना एक-एक प्रत्याशी बदल दिया है। हालांकि दोनों ही दल के नेताओं ने प्रत्याशियों की टिकट काटने की वजह प्रत्याशी का कमजोर होना बताया है।
रुपाली 2017 से मांग रही हैं टिकट
बाहुबली नेता अशोक दीक्षित की बेटी रुपाली दीक्षित पर फतेहाबाद से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी होंगी। वे 2017 के चुनाव लडऩे की तैयारियों में जुटी थीं। फतेहाबाद सीट ने उन्होंने बीएसपी से टिकट मांगी थी। बीएसपी ने छोटेलाल वर्मा को प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली, लेकिन बीजेपी ने भी उन्हें भाव नहीं दिया और जितेंद्र वर्मा को टिकट दे दी। लेकिन इस बार उन्होंने सबको चौंकाते हुए मौके पर चौका मारा है। उम्मीदवार घोषित होने के बाद सपा का टिकट लेकर राजनैतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। माना जा रहा है कि उनकी सीधी टक्कर बीजेपी के प्रत्याशी की होगी। संभावित है कि वे बीजेपी नेता पर भारी पड़ जाएं।
हिस्ट्रीशीटर की बेटी पर सपा ने लगाया दांव
रुपाली दीक्षित के पिता अशोक दीक्षित हिस्ट्रीशीटर हैं। अशोक दीक्षित पर कई मुकदमें दर्ज हैं। सपा नेता की हत्या के मामले में न्यायालय ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वे बरेली जेल में निरुद्ध हैं।
बीजेपी के राकेश बघेल को बीएसपी ने दिया टिकट
बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल को बीएसपी ने एत्मादपुर से प्रत्याशी बनाया है। जबकि बीएसपी ने कई दिनों पहले जारी अपनी सूची में सर्वेश बघेल को प्रत्याशी घोषित किया था। राकेश बघेल बीजेपी से एत्मादपुर विधानसभा की टिकट की दावेदारी में लगे थे, लेकिन यहां से धर्मपाल को बीएसपी ने प्रत्याशी घोषित किया है। एत्मादपुर विधानसभा सीट पर बीएसपी और बीजेपी की टक्कर मानी जा रही है।