सार

एटीएस और एनआईए ने पिछले छाल सितंबर में पश्चिम बंगाल और केरल से अलकायदा के 9 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। इन आतंकी गुर्गों को केरल के एर्नाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से पकड़ा गया था। अब कुछ ही महीनों बाद दो आंतकी यूपी के लखनऊ से पकड़े गए हैं।

लखनऊ, (उत्तर प्रदेश). एटीएस कमांडो ने लखनऊ के काकोरी से पकड़े अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार करने के बाद देश में आतंक फैलाने की साज़िश को नाकाम कर दिया। रविवार को करीब 11 घंटे से चले सर्च ऑपरेशन में भारी मात्रा गोला-बारूद बरामद किया गया। इस तरह यूपी से अलकायदा से जुड़े आतंकवादियों की गिरफ्तारी देश में एक साल के भीतर तीसरे बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ है। इसी बीच पुलिस ने कानपुर से चार और संभल से 2 और लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।

सिर्फ 3 हजार रुपए में प्रेशर कुकर कर रहे थे तैयार
जांच एजेंसियां अलकायदा के इन दोनों संदिग्ध आतंकियों से पूछाताछ कर रही हैं। पूछताछ में सामने आया है कि ये दोनों सिर्फ 3 हजार रुपए में प्रेशर कुकर बम तैयार कर रहे थे। जिस नसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को पकड़ा गया है, वह रिक्शे की बैटरी से बम बनाने में जुटा था। दोनों डीआईवाई मॉड्यूल पर काम कर रहे थे। इन्होंने अपने पैसों से खरीदकर बम बनाया था, इनकी कोशिश थी कि ई-रिक्शा में इस्तेमाल होने वाली बैटरी से बम बनाया जाए।

पिछले साल 9 आतंकवादियों को किया था गिरफ्तार
एटीएस और एनआईए ने पिछले छाल सितंबर में पश्चिम बंगाल और केरल में अल-कायदा के 9 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। इन आतंकी गुर्गों को केरल के एर्नाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से पकड़ा गया था। इनके ठिकानों में कोच्चि नौसैनिक अड्डा और शिपयार्ड शामिल हैं। साथ इनके पाससे हथियार और बम बनाने की सामग्री जब्त भी जब्त की गई थी।  एनआईए ने उस दौरान बताया था कि मुर्शिदाबाद के छह और एर्नाकुलम के तीन लोग लोन वुल्फ हमले की योजना बना रहे थे।

मौके पर मिले कुकर बम और टाइमर बम 
लखनऊ से पकड़े गए दो आतंकियों के अलवा अभी 5 फरार बताए जा रहे हैं। यूपी पुलिस और एटीएस ने करीब 500 मीटर इलाके को सील कर कई तीन घरों में कमांडो तलाशी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद के साथ कुकर और टाइमर बम मिले हैं। बताया जाता है कि आतंकी कई शहरों में 15 अगस्त के आसपास सीरियल ब्लास्ट के फिराक में थे। इतना ही नहीं इनके निशाने पर कुछ बड़े नेता भी थे।

 मानव बम मॉड्यूल पर कर रहे थे काम
पकड़े गए दोनों आतंकी के नाम मिनहाज अहमद और मसीरूद्दीन है, अलकयदा का ये मानव बम मॉड्यूल था, दोनों आतंकी अंसार गजवातुल हिंद ग्रुप से जुड़े थे। दोनों लंबे समय से लखनऊ में रह रहे थे, अहमद के पिता लखनऊ के दुबग्गा इलाके में मोटर वर्कशॉप का काम करते हैं। दोनों के पकड़े जाने के बाद यूपी- बिहार पुलिस ने रविवार को सभी जिलों और रेलवे स्टेशनों पर अलर्ट जारी कर दिया है।

उमर हलमंडी के हैंडलर के संपर्क में थे दोनों
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, ये लोग अलकायदा के उत्तर प्रदेश मॉड्यूल के प्रमुख उमर हलमंडी के हैंडलर के संपर्क में थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, "वे लखनऊ सहित राज्य के विभिन्न शहरों में 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) से पहले आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।" कुमार ने कहा कि ये लोग मानव बमों के इस्तेमाल सहित विस्फोट की योजना बना रहे थे।

अलकायदा को भारत में उमर अल मंडी है मुखिया
बता दें कि अंसार गजवातुल भारत में अलकायदा का ग्रुप है। हैंडलर का नाम उमर अल मंडी है, जिसका प्रमुख मूसा कश्मीर में मारा जा चुका है। पुलिस के मुताबिक उमर अल मंडी अलकायदा के यूपी मॉड्यूल का मुखिया है। बताया जा रहा है कि उमर अल मंडी का संबंध यूपी के संभल से है, इसलिए वहां भी उससे जुड़े सुरागों की छानबीन शुरू हो गई है।

स्लीपर सेल देश के कई हिस्सों में हैं मौजूद
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ पीके मिश्रा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया की भारत में  अल-कायदा के स्लीपर सेल देश के कई हिस्सों में मौजूद हैं। हमें उनके संचालकों को उनकी फंडिंग रोकने और नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा"।