सार
दोबारा हुए पोस्टमार्टम में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। SGPGI टीम द्वारा किए गए पोस्चमार्टम में गला दबाने , जांघ पर चोट के निशान होने का बात सामने आई है। पहले गर्दन की हड्डी टूटी और सिर में दो चोट की पुष्टि हुई थी। पीड़िता की वकील अवनी ने बताया कि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर कोई निशान नहीं था सर पर चोट होने की बात थी लेकिन दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर भी निशान होने की बात सामने आई है।
उन्नाव: दलित युवती के हत्याकांड (Murder) मामले में डॉक्टरों के पैनल से हुए पोस्टमार्टम पर पीड़िता के परिजनों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पीड़िता के परिजनों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने की मांग की थी। अब डीएम ने इसकी इजाजत दे दी है। डीएम की अनुमति पर एसपी ने मंगलवार शुक्लागंज कोतवाली क्षेत्र के जाजमऊ स्थित चंदन घाट में दफनाए गए शव को खुदवा कर दोबारा पोस्टमार्टम (Post Mortem) करवाने के लिए भिजवाया। शाम को लखनऊ से आई फॉरेंसिंक एक्सपर्ट्स की टीम से शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाया गया।
दोनो पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल अलग
दोबारा हुए पोस्टमार्टम में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। SGPGI टीम द्वारा किए गए पोस्चमार्टम में गला दबाने , जांघ पर चोट के निशान होने का बात सामने आई है। पहले गर्दन की हड्डी टूटी और सिर में दो चोट की पुष्टि हुई थी। पीड़िता की वकील अवनी ने बताया कि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर कोई निशान नहीं था सर पर चोट होने की बात थी लेकिन दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर भी निशान होने की बात सामने आई है। और भी बहुत सारी भिन्नता है दोनो रिपोर्ट में। दोनो पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल अलग हैं। दोनो पोस्टमार्टम रिपोर्ट अलग-अलग हैं इसलिए कोर्ट की नजर में एविडेंस के तौर पर इनकी वैल्यू जीरो हो जाती है। हमारी मांग है कि एक मेडिकल बोर्ड का गठन हो जिसमें सभी एक्सपर्ट को रखा जाए और वीडियोग्राफी के जरिये दोबारा से पोस्टमार्टम हो। जब तक ऐसा ना हो तब तक शव का अंतिम संस्कार न किया जाए। पुलिस चाहती है कि जल्द सर जल्द अंतिम संस्कार ही जाए।
पहले भी हुआ था पोस्टमॉर्टम
पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करीब 45 दिनों पहले युवती की हत्या होना बताया गया था. परिजन इसी बात को लेकर अड़े हुए हैं कि जब आठ दिसंबर को वह लापता हुई तो रिपोर्ट में 45 दिन पहले हत्या होना कैसे दिखाया जा रहा है? जबकि रिपोर्ट में अनुमानित दिनों का जिक्र किया गया था। उधर, दुष्कर्म की जांच के लिए डॉक्टरों से स्लाइड भी बनवाई गई है। पीड़ित परिजन समय सीमा व दुष्कर्म मामले को लेकर दोबारा पोस्टमार्टम की बात पर अड़े थे।