सार
हर कोई आरपीएफ इंस्पेक्टर और रेलवे की तारीफ कर रहा है। वहीं भारतीय रेलवे के लिए यह ऐसा पहला मौका है जब अपहरणकर्ता को पकड़ने और एक बच्ची को बचाने के लिए ट्रेन को इस तरह से नॉनस्टॉप चलाया गया हो।
भोपाल. भारतीय रेलवे विभाग ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक तीन साल की बच्ची की जिंदगी बचा ली। जहां मासूम को बचाने के लिए ट्रेन को उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश तक नॉनस्टॉप दौड़ाया गया। ललितपुर से दौडी ट्रेन सीधे भोपाल पहुंचते ही बच्ची को बचा लिया गया। रेलवे विभाग और आरपीएफ के सिपाहियों की सूझबूझ की हर कोई तारीफ कर रहा है।
मासूम को गोद में लेकर फरार हो गया आरोपी
दरअसल, उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक तीन साल की बच्ची का अपहरण हो गया था। जिसके बाद मासूम के माता-पिता बेटी को तलाशते हुए रेलवे स्टेशन तक पहुंच गए। जहां उन्होंने आरपीएफ थाने में जाकर शिकायत दी। इसके बाद आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह रजावत हरकत में आया और स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। लेकिन इंस्पेक्टर कुछ समझ पाता इससे पहले आरोपी बच्ची को गोद में लेकर ट्रेन राप्तीसागर एक्सप्रेस में सवार हो गया। यानि बच्ची का अपहरण हो चुका था।
ललितपुर से भोपाल तक नॉनस्टॉप दौड़ी ट्रेन
आरपीएफ सब इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह ने ललितपुर रेलवे विभाग के अधिकारियों और पायलेट को इस मामले की जानकारी दी। कहा कि ट्रेन को ललितपुर से लेकर भोपाल के बीच किसी भी स्टेशन पर न रोकने का निवेदन किया। इसके अलावा ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को भी पूरे मामले के बारे में बताया गया। हुआ भी ऐसा ही और ट्रेन को ललितपुर से भोपाल तक नॉनस्टॉप दौड़ाया गया। ताकि बीच में आरोपी कहीं नहीं उतर सके।
सब इंस्पेक्टर की सूझबूझ से बच्ची की जिंदगी बच गई
राप्तीसागर एक्सप्रेस में बैठे यात्री चिल्लाते रहे कि गाड़ी को रोक दो हमारा स्टेशन आ गया है, लेकिन गाड़ी को भोपाल पहुंचने के बाद ही रोका गया। यहां पर पहले से ही बच्ची को बचाने और आरोपी को पकड़ने के लिए आरपीएफ के जवान बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही गाड़ी रुकी तो बच्ची को बचा लिया औरअपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। इस तरह सब इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह रजावत की सूझबूझ से मासूम बच्ची की जिंदगी बच गई।
रेलवे ने ऐसा पहली बार किया ये काम
बच्ची को ले जाकर उसके माता-पिता के हाथों में सकुशल सौंप दिया गया। मां-बाप से लेकर हर कोई इंस्पेक्टर और रेलवे की तारीफ कर रहा है। इसके अलावा भारतीय रेलवे के लिए यह ऐसा पहला मौका है जब अपहरणकर्ता को पकड़ने और एक बच्ची को बचाने के लिए ट्रेन को इस तरह से नॉनस्टॉप चलाया गया हो।