सार
साल 2021 को नवंबर की 28 तारीख को उत्तर प्रदेश में यूपी टीईटी परीक्षा होनी थी। लेकिन पेपर होने से पहले ही परीक्षा लीक हो गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद से एसटीएफ टीम काफी सक्रिय हो चुकी थी। 2 अप्रैल को यूपी एसटीएफ टीम के हाथों बड़ी कामयाबी लगी है। राज्य के जिले बागपत से यूपी टीईटी पेपर लीक के मास्टरमाइंड को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते 2021 साल को 28 नवंबर को यूपी टीईटी पेपर लीक होने का मास्टर मांइड अब यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में है। प्रदेश में टीईटी की परीक्षा लीक का मास्टरमाइंड अरविंद राणा उर्फ गुरुजी को एसटीएफ ने राज्य के बागपत जिले से गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर प्रदेश टीईटी पेपर लीक मामले में सरकार की काफी बदनामी हुई थी। उस समय भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, जिसे विपक्षी दलों ने निशाने में लेने से नहीं चूका था।
2021 टीईटी पेपर लीक की जांच एसटीएफ को सौंपी
उत्तर प्रदेश टीईटी परीक्षा लीक के मामले में भाजपा सरकार यानी राज्य सरकार की बदनामी हुई थी। जिसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी को गिरफ्तार किया गया। इतना ही नहीं इसके साथ तीन दर्जन लोगों को गिरफ्तार करने के साथ कई बड़ों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी की गई थी। अब एसटीएफ टीम ने पेपर लीक के मास्टर माइंड अरविंद राणा को गिरफ्त में ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के यूपी टीईटी 2021 परीक्षा लीक के मुख्य आरोपित मास्टर माइंड अरविंद राणा उर्फ गुरुजी को उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने बागपत से पकड़ा है।
यूपी टीईटी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठाए साल्वर
एसटीएफ के एसपी ब्रजेश सिंह ने बताया कि मूल रूप से शामली के झिंझना का निवासी अरविंद राणा उर्फ गुरुजी राज्य का बड़ा नकल माफिया है। वो सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान से भी जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि पेपर लीक का मास्टरमांइड राणा साल्वर गिरोह चलाता है। उसने यूपी टीईटी के अलावा एसएससी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी करते हुए पेपर लीक कराता था। उत्तर प्रदेश टीईटी 2021 सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में वह अपने साल्वर बैठाकर पैसे लेकर हजारों लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी दिलवा चुका है।
पेपर लीक के मामले में शामली से हुए थे तीन गिफ्तार
एसटीएफ एसपी ने आगे बताया कि आरोपित के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। इतना ही नहीं वह कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र से वांछित चल रहा था। इन दिनों आरोपित अरविन्द राणा उर्फ गुरुजी पल्लवपुरम के एक आलीशान मकान में रह रहा था। एसटीएफ टीम ने 2021 के नवंबर महीने में उत्तर प्रदेश पेपर लीक मामले में शामली से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से अरविन्द राणा फरार चल रहा था। जिसके बाद से राणा एसटीएफ के रडार पर था।
निर्देश बाद एसटीएफ पेपर लीक करने वालों पर हो चुकी थी केंद्रित
उत्तर प्रदेश टीईटी पेपर लीक केस की जांच कर रही एसटीएफ के हाथ पेपर लीक होने के अगले ही दिन यानी 29 नवंबर 2021 को ही अहम सुराग लगे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ की जांच पेपर लीक करने वालों पर तभी से केंद्रित हो चुकी थी। एसटीएफ ने परीक्षा लीक मामले की जांच के साथ ही इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा की विवेचना भी शुरू कर दी थी। यूपी की अलग-अलग टीमों ने लखनऊ, कौशाम्बी, मथुरा, प्रयागराज, अयोध्या व अन्य जिलों में 15 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इतना ही नहीं बिहार के नालंदा निवासी साल्वर गिरोह के सरगाना राजन को भी खोजा गया। इतना ही नहीं प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से कई जानकारियां जुटाई गई। एसटीएफ ने आरोपितों ने मोबाइल नंबरों के जरिए उन लोगों के बारे में छानबीन की, जिनके वे अधिक संपर्क में थे।