सार
दरअसल ये सीट, एक ज़माने में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद खास रहे पारसनाथ यादव की परंपरागत सीट रही है। पारसनाथ यादव सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उनके निधन के बाद खाली हो चुकी इस सीट पर उपचुनाव हुए थे जिसमें पारसनाथ के बेटे लकी यादव ने जीत दर्ज की। अब इस विधानसभा चुनाव में सपा ने इस सीट पर जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।
जौनपुर: यूपी विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। 6 चरण के मतदान हो चुके हैं वहीं अब सात मार्च को अंतिम चरण का मदतान होना है। लेकिन इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने आगामी दो चरण के लिए अधिक से अधिक वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस क्रम में सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव दूसरी बार पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। 2022 विधानसभा चुनाव में भी करहल विधानसभा में अखिलेश के लिए प्रचार करने के बाद मल्हनी विधानसभा दूसरी ऐसी सीट है जिस पर मुलायम सिंह यादव रैली करने जौनपुर आ रहे हैं।
दरअसल ये सीट, एक ज़माने में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद खास रहे पारसनाथ यादव की परंपरागत सीट रही है। पारसनाथ यादव सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उनके निधन के बाद खाली हो चुकी इस सीट पर उपचुनाव हुए थे जिसमें पारसनाथ के बेटे लकी यादव ने जीत दर्ज की। अब इस विधानसभा चुनाव में सपा ने इस सीट पर जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। बेटे अखिलेश यादव की विधानसभा सीट करहल के बाद यूपी में दूसरी सीट जौनपुर की मल्हनी है जहां मुलायम सिंह यादव सभा को संबोधित करेंगे।
जौनपुर जिले की मल्हानी सीट पर यादव, ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाता निर्णायक भूमिका में है. यह सीट 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यहां सपा और निर्दलीय कैंडिडेट धनंजय सिंह के बीच मुकाबला होता रहता है। 2012 में रारी का भौगोलिक क्षेत्र बदला और कई ब्लॉक को मिलाकर मल्हानी विधानसभा सीट बनाई गई थी। 2017 में सपा के पारसनाथ यादव ने निषाद पार्टी के धनंजय सिंह को हराया था। वहीं, 2020 के उपचुनाव में सपा के लकी यादव चुनाव जीते थे। मल्हानी विधानसभा सीट पर 7 मार्च को मतदान होना है।