सार

बाहुबली हरिशंकर तिवारी की परंपरागत सीट चिल्लूपार में पहली बार कमल खिला है। इस सीट से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। 2022 के चुनाव से ठीक पहले विनय ने पाला बदलकर सपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने राजेश त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा था। 

अनुराग पाण्डेय

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में इस बार विधान सभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कई रेकॉर्ड बने। गोरखपुर जिले में यह पहला मौका है, जब गोरखपुर की सभी 9 विधानसभा सीटों पर कमल खिला है। इस चुनाव में कई रिकार्ड बने हैं। गोरखपुर शहर विधानसभा सीट पर रिकॉर्ड मतों के अंतर से भाजपा का कब्जा बरकरार है। पहली बार सभी सीटें जीतकर भाजपा ने गोरखपुर में क्लीन स्वीप किया है।

बाहुबली के क्षेत्र में पहली खिला कमल 
बाहुबली हरिशंकर तिवारी की परंपरागत सीट चिल्लूपार में पहली बार कमल खिला है। इस सीट से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। 2022 के चुनाव से ठीक पहले विनय ने पाला बदलकर सपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने राजेश त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा था। वह पहले ही राउंड से बढ़त बनाने में कामयाब रहे। इस सीट से हरिशंकर 22 वर्षों तक विधायक रहे। पिछले तीन चुनावों (2007-2017) से बसपा को जीत मिल रही थी। यह पहला मौका है, जब भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है।

राजेश ने पिता के बाद बेटे को हराया
चिल्लूपार से चुनाव जीतने वाले राजेश त्रिपाठी ने पूर्वांचल के जाने माने शख्स हरिशंकर तिवारी को दो बार (2007 और 2012) चुनाव हराया था। अब हरिशंकर के बेटे विनय शंकर तिवारी को चुनाव हरा दिया है। विनय को हराकर राजेश ने 2017 में अपनी हार का बदला लिया। पिछला चुनाव वह विनय शंकर से हारे थे।

फतेह बहादुर सिंह ने लगाई हैट्रिक
भाजपा प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह ने कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र से जीत की हैट्रिक लगाई है। वह सातवीं बार चुनाव जीते हैं। पिछले 30 वर्षों से विधायक हैं। इन वर्षों में पहले चार बार पनियरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। 2012 के परिसीमन में कैंपियरगंज विधानसभा सीट का गठन हुआ। तब से फतेह बहादुर सिंह चुनाव जीत रहे हैं। यह तीसरा मौका था, जब वह कैंपियरगंज से चुनाव लड़े और जीत हासिल की है।

ये बने विधायक
गोरखपुर जिले की सीटों पर भी भाजपा का दबदबा साफ नजर आ रहा था। पिपराईच से महेंद्रपाल सिंह, ग्रामीण से विपिन सिंह, बांसगांव से विमलेश पासवान, चौरी चौरा से श्रवण निषाद, कैंपियनगंज से फतेह बहादुर सिंह, सहजनवां से प्रदीप शुक्ला, खजनी से श्रीराम चौहान और चिल्लूपार से राजेश त्रिपाठी विजयी रहे।