सार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और अपना दल के बीच में सीटों को लेकर अभी भी सूत्रों के हवाले से यह खबर मिल रही है कि बनारस और इलाहाबाद विधानसभा की कुछ ऐसी सीटें हैं जिसको लेकर यह दोनों पार्टियां अभी भी सहमति नहीं बना पा रही हैं और यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटने के भी कयास लगाए जाने लगे हैं।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है। विधानसभा चुनाव का पहला चरण जहां 10 फरवरी से शुरू होने जा रहा है वही गठबंधन के लिहाज से समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लग सकता है । एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है कि समाजवादी पार्टी और कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल के बीच आपसी गठबंधन को लेकर दरार पड़ गई है।
वाराणसी और इलाहाबाद के सीटों पर फंसी है पेच
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और अपना दल के बीच में सीटों को लेकर अभी भी सूत्रों के हवाले से यह खबर मिल रही है कि बनारस और इलाहाबाद विधानसभा की कुछ ऐसी सीटें हैं जिसको लेकर यह दोनों पार्टियां अभी भी सहमति नहीं बना पा रही हैं और यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटने के भी कयास लगाए जाने लगे हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने अपने सहयोगी दल अपना दल (कमेरावादी) के साथ सीटों का बंटवारे में 18 विधानसभा सीटें दी थीं। कुछ दिनों पहले अपना दल (कमेरावादी) राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा था कि विधानसभा सीटों की प्रथम चरण की पहली लिस्ट तैयार कर ली गई है। इन पर जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा था कि वाराणसी की रोहनिया, पिंडरा, मिर्जापुर की मड़िहान, जौनपुर की मड़ियाहूं, सोनभद्र की घोरावल, प्रतापगढ़ सदर और इलाहाबाद पश्चिमी पर जल्द ही उम्मीदवार उतारे जाएंगे। पार्टी इनमें से कुछ सीटों पर 2017 का चुनाव लड़ी थी लेकिन पार्टी संस्थापक सोनेलाल पटेल के बाद चुनाव विवाद के कारण अपना दल (कृष्णा) के प्रत्याशी निर्दल हो गए थे। इस बार पार्टी अपना दल (कमेरावादी) के रूप में पंजीकृत है।