सार
चारधाम यात्रा के दौरान 23 तीर्थयात्रियों की मौत मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। इसको लेकर विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि मौत हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों के कारण से हुई है।
देहरादून: चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक हुई 23 तीर्थयात्रियों की मौत मामले में महकम एक्शन में दिख रहा है। तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले के सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। विभाग की ओर से बताया गया कि मौत हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों की वजह से हुई है।
सेवाओं में कमी न रखने के निर्देश
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट ने मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ सेवाओं की समीक्षा की। वह खुद चारधाम यात्रा मार्गों पर इस समीक्षा के लिए पहुंची। उनके द्वारा चारधाम यात्रा वाले मार्ग से संबंधित जिलों के सीएमओ को यह निर्देशित किया गया कि किसी भी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में कमी न रहे। बताया गया कि चारधाम यात्रा में अभी तक 23 यात्रियों की अचानक मौत हो गई थी। इनमें से किसी की भी मौत अस्पताल में नहीं हुई थी। मौत से पहले किसी भी यात्री को गंभीर हालत में चिकित्सालय पर उपचार के लिए नहीं लाया गया था।
मामले में मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट
जिन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है उनके संभावित कारणों को लेकर भी विमर्श जारी है। इसमें आकस्मिक ह्रदयघात, हाईपरटेंशन और अन्य बीमारियों से ग्रसित होना बताया जा रहा है। इसी के साथ मामले में महानिदेशक की ओर से विस्तृत रिपोर्ट भेजने का निर्देश भी दिया गया है। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यमुनोत्री धाम में दस, केदारनाथ में आठ, गंगोत्री में तीन, बद्रीनाथ में दो तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। जिन लोगों की मौत इस दौरान हुई है उसमें 17 पुरुष और छह महिला यात्री शामिल है। इसमें से 5 मृतकों की उम्र 45 वर्ष से कम है और 18 की उम्र 50 साल से भी अधिक है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग को लेकर 8 स्थायी चिकित्सालय, 14 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं। इसी के साथ गंगोत्री मार्ग में 10 स्थायी चिकित्सालय, 3 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट, बद्रीनाथ मार्ग पर 19 स्थायी चिकित्सालय व 2 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं। इसी के साथ यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थायी चिकित्सालय और 4 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं।
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