सार
हरिद्वार की जेलों में इन दिनों कैदियों के द्वारा जेल के अंदर ही अक्षर ज्ञान लिया जा रहा है। इसे के साथ उन्हें रोजाना योग भी करवाया जा रहा है। जो कैदी पढ़े लिखे हैं उन्हें महापुरुषों की जीवनियां पढ़ाई जा रही है।
हरिद्वार: स्कूलों में इन दिनों भले ही गर्मियों की छुट्टियां चल रही हों लेकिन जेल में सलाखों के पीछे पाठशाला लगातार जारी है। उत्तराखंड में प्रदेश की सबसे बड़ी हरिद्वार जेल में बंदी और कैदी अक्षर ज्ञान ले रहे हैं। इसी के साथ वह महापुरुषों की गाथाओं को पढ़कर सद्गुणों को आत्मसात भी कर रहे हैं।
लाइब्रेरी में भी मौजूद है हजारों पुस्तकें
ज्ञात हो कि देश की प्रथम महिला आइपीएश अधिकारी किरण बेदी ने विजन इंडिया फाउंडेशन के तहत और डीपीएस रानीपुर के सहयोग से जेल की लाइब्रेरी में एक हजार से ज्यादा पुस्तकें दी गई हैं। यहां निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने के साथ ही उन्हें निरोग रखने के लिए योग की शिक्षा भी दी जा रही है। आपको बता दें कि देशभर के कैदियों के कल्याण के लिए काम करने वाली किरण बेदी ने पिछले दिनों जिला कारागार का मुआयना किया था। इसी के साथ उन्होंने कैदियों की शिक्षा का बीड़ा भी उठाया था।
कैदियों को दी जा रही योग की कक्षाएं
कैदियों और बंदियों को शिक्षित करने की कड़ी में संस्था विजन इंडिया फाउंडेशन की निदेशक मोनिका धवन और डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा के द्वारा जिला जेल जाकर वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य को कैदियों के लिए किताबें और स्टेशनरी सौंपी गई थी। यह पहल वहां बंद लोगों के ज्ञानवर्धन और उनके आचरण में सुधार को लेकर की गई थी। इसके साथ ही वहां पर नियमित पाठशाला चल रही है और निरक्षर बंदी और कैदी को अक्षर ज्ञान भी करवाया जा रहा है। वहीं जो बंदी शिक्षित हैं वह लाइब्रेरी से किताबें पढ़कर महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ले रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन जेल में सुबह छह बजे से सात बजे तक योग सिखाया जा रहा है। इसमें सभी बंदी प्रतिभाक कर योग सीख रहे हैं। पतंजलि योगपीठ के प्रतिनिधि द्वारा कैदियों को योग की कक्षाएं दी जा रही है।
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