सार
केदारनाथ बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई। इसके लिए कई घंटों तक हजारों यात्रियों को रोका गया। करीब दो-दो घंटे के अंतराल में हजारों यात्रियों को रोके रखा था।
भीड़ कम होने पर ही यात्रियों को केदारानाथ थाम के लिए भेजा गया।
उत्तराखंड: कोरोना काल के लंबे अंतराल के बाद उत्तराखंड चारधाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से ही अनुमान लगाया जा सकता है। बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए उमड़ रहे यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में करीब दो-दो घंटे तक हजारों यात्रियों को रोके रखा। पैदल मार्ग पर भीड़ कम होने पर ही यात्रियों को केदारानाथ थाम के लिए भेजा गया। तो वहीं दूसरी तरफ बुधवार को सुबह 6 बजे से 4 बजे तक करीब 26470 यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना हुए थे।
बाबा के दर्शन के लिए यात्रियों में इतनी भीड़ पिछले छह दिनों में यह दूसरा मौका है, जब इतनी भारी संख्या में यात्री भेजे गए। भीड़ को देखते हुए यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्री दबाव को कम करने के लिए बुधवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक दो-दो घंट यात्रियों को रोका गया। इसके लिए यात्रा कंट्रोल रूम से बताया गया कि सुबह आठ बजे तक 18620 यात्रियों ने सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया था।
दर्शन कर लौट रहे यात्रियों के कारण बड़ी भीड़
भीड़ की वजह का मुख्य कारण है कि धाम से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों के कारण रास्ते पर दो तरफा काफी भीड़ रही, जिसे देखते हुए मुख्य दोनों पड़ावों पर यात्रियों को रोका गया। जिसके बाद दोपहर दो बजे यात्रियों को धाम के लिए भेजा गया। वहीं इस भीड़ पर पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि दोनों स्थानों पर चार से पांच हजार यात्रियों को रोका गया। आगे बताते है कि पैदल मार्ग और धाम में अनावश्यक दबाव न बने इसके लिए नियमित तौर पर अलग-अलग अंतराल पर यात्रियों को पड़ावों पर रोका जाएगा ताकि केदारनाथ में मौजूद श्रद्धालु अच्छे से दर्शन कर सकें।
मैनेजमेंट फोर्स के जवान है पहले से तैनात
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि सभी यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून को तैनात कर दिया गया है। यह प्लाटून मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग पर दर्शनों के लिए खड़े यात्रियों की मदद करेगी। आगे कहा कि एक प्लाटून में तीस आईटीबीपी के जवान हैं। उन्होंने आगे बताया कि सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में भी एक-एक प्लाटून को रखा गया है। इसके साथ ही एसडीआरएफ, डीडीआरएफ यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान भी पहले से तैनात हैं।
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