सार

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी शामिल किया जाएगा। विश्व वैदिक सनातन संघ ज्ञानवापी मस्जिद के पांच केस के मामले की पैरवी अब सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगा। साथ ही सीएम को सभी मामलों की पावर ऑफ अटार्नी भी दी जाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी शामिल किया जाएगा। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पांच केस के मामले की पैरवी अब विश्व वैदिक सनातन संघ अब सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगा। इतना ही नहीं इसकी पैरवी के लिए सीएम योगी को सभी मामलों की पावर ऑफ अटार्नी भी दी जाएगी। यह जानकारी शनिवार को विश्व वैदिक सनातक संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने बताई है।

5 मुकदमों की पावर ऑफ अटॉर्नी CM को जाएगी सौंपी
विश्व वैदिक सनातन संघ के मुखिया जितेन्द्र सिंह विसेन ने बताया है कि इस संबंध में सभी कानूनी कार्रवाई 15 नवंबर तक सभी लीगल फॉर्मेलिटी पूरी कर लेंगे। उन्होंने आगे बताया कि ज्ञानवापी परिसर से संबंधित सिर्फ पांच मुकदमों पर ही हमारा हस्तक्षेप है। उसमें से भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान, मां श्रृंगार गौरी केस भी शामिल हैं। अब इन पांचों मुकदमों की पावर ऑफ अटॉर्नी सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी जाएगी। सीएम योगी को विश्व वैदिक संघ की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी केस की बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है। 

जानिए क्या होती है पावर ऑफ अटॉर्नी
पावर ऑफ अटॉर्नी यानी पीओए एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा दूसरे को  काम करने की अनुमति दी जाती है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी अनुपस्थिति में संपत्ति, चिकित्सा मामलों और वित्त का प्रबंधन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को नियुक्त कर सकता है। इसके दो प्रकार भी होते है - जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी और स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी। बता दें कि अब तक अदालत एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को सुरक्षित रखने, केस की पोषणीयता और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर हिंदू पक्ष की मांग को खारिज करने का फैसला दे चुकी है।

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