सार
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पर मंगलवार 12 जुलाई को अहम सुनवाई होनी है। जिसमें मुस्लिम पक्ष अपनी दलीले पेश करेगा। लेकिन सुनवाई से ठीक एक दिन पहले हिंदू पक्ष ने नया ट्रस्ट बना लिया है। जिसका नाम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास रखा गया है।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश की बाबा विश्वनाथ नगरी काशी में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में मंगलवार 12 जुलाई को जिला जज अदालत में सुनवाई होगी। 12 जुलाई को जिला अदालत में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर मामले में मुकदमे की मेरिट अथवा सुनवाई करने या नहीं करने के मुद्दे पर सुनवाई होगी। मौजूदा समय में केस की मेरिट पर सुनवाई चल रही है। मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहा है। जिला अदालत में 12 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की पेश की गईं जब दलीलें पूरी हो जाएंगी, तब हिंदू पक्ष अपने दावे पेश करेगा।
हिंदू पक्ष के नए ट्रस्ट में ये लोग शामिल
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले हिंदू पक्ष ने नया ट्रस्ट का गठन किया है जो कोर्ट के मामलों की देख रेख करेगा। प्रकरण में हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी निवासी चार महिला वादियों ने ट्रस्ट बनाया है। इस ट्रस्ट पर कोर्ट में जारी मामले को देखने की जिम्मेदारी होगी। इस ट्रस्ट में दिल्ली निवासी राखी सिंह को छोड़कर लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और एक अन्य महिला वादी शामिल है। इसकी पुष्टि हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रस्ट का रजिस्टेशन भी करवा लिया गया है और उद्घाटन आज शाम में किया जाएगा। जिसका नाम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास रखा गया है।
न्यायिक प्रस्तुतीकरण के लिए मांगा समय
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर मामले में पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला जज ए के विश्वेश के समक्ष मुकदमे की पोषणीयता यानी सुनवाई करने या नहीं करने के मुद्द पर बहस की। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका सहित मुकदमे के सभी 51 बिंदुओं को कोर्ट के समक्ष पढ़ा और न्यायिक प्रस्तुतीकरण के लिए 12 जुलाई तक का समय मांगा। इसी को अदालत ने स्वीकार कर लिया।
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