सार
यूपी की काशी नगरी में विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। जिसमें सेवादारों और श्रद्धालु के बीच मारपीट हो रही है। इस विवाद के बाद दोनों पक्षों ने थाने में पहुंचकर तहरीर दी है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह मारपीट सप्तर्षि आरती से पहले हुई है।
वाराणसी: श्रावण के महीने में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग आकर पूजा-अर्जना कर रहे हैं। यूपी की काशी विश्वनाथ नगरी में तो बाबा के भक्तों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। सावन के महीने में भक्त काशी आकर बाबा के दर्शन के साथ-साथ उनकी पूजा कर रहे है। भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। यह वीडियो गर्भगृह का है, जहां पर कर्मचारी और श्रद्धालुओं के बीच मारपीट हो रही है।
सेवादारों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
ऐसा बताया जा रहा है कि इस मामले में जहां श्रद्धालुओं की ओर से काशी विश्वनाथ मंदिर के पीआरओ समेत पांच के खिलाफ चौक थाने में तहरीर दी गई है तो वहीं सेवादारों की ओर से इसकी शिकायत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ से की गई है। इतना ही नहीं शिकायत में सेवादारों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए है कि घटना के दौरान पुलिस वहां पर मौजूद थी लेकिन उसने कोई सहयोग नहीं किया। यह वीडियो सप्तर्शी आरती के पहले का है। आरती से पहले मंदिर के गर्भगृह को खाली कराया जा रहा था। तभी दो श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश कर गए।
श्रद्धालु ने इनके खिलाफ दी तहरीर
उनके प्रवेश करते ही दोनों के बीच कहासुनी हो गई। कहासुनी इतनी हो गई कि मारपीट में बदल गई। गर्भगृह में ही दोनों पक्षों की ओर से मारपीट होने लगी। सेवादारों ने इस मामले में सीईओ की शिकायत की हैं। वहीं भक्तों की तरफ से वाराणसी के कृष्णानंद गुप्ता ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ चौक थाने में तहरीर दी है, जिसमें तपन शिवानंद पांडे, राजू, तम्मी और पीआरओ अखिलेश के नाम शामिल है। इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले भी दर्शन पूजन को लेकर पुलिस और मंदिर कर्मचारियों में विवाद हुआ था। जिसके बाद मंदिर कर्मचारी विरोध के रूप में चौक थाने में बैठ गए थे। उसके बाद मंदिर प्रशासन ने मामले को शांत कराया था।
नोएडा में आज से दो दिन तक बंद रहेंगी शराब की दुकानें, डीएम ने इस वजह से जारी किए आदेश
जानिए मुज़फ्फरनगर के रहने वाले फैज कैसे बन गए शिवभक्त, हरिद्वार से जलाभिषेक के लिए लेकर आए कांवड़