सार
सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना ली है। सीएम ने भ्रष्टाचार और कार्यों में लापरवाही के चलते बीते 4 दिनों में 2 आईपीएस अफसरों को निलंबित कर दिया था, लेकिन इस कार्रवाई से भी सीएम संतुष्ट नहीं हैं
लखनऊ(Uttar Pradesh). सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना ली है। सीएम ने भ्रष्टाचार और कार्यों में लापरवाही के चलते बीते 4 दिनों में 2 आईपीएस अफसरों को निलंबित कर दिया था, लेकिन इस कार्रवाई से भी सीएम संतुष्ट नहीं हैं। अब सीएम योगी ने इन दोनों आईपीएस की संपत्तियों की जांच के लिए विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित और महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि प्रयागराज में एसएसपी के पद पर रहने के दौरान आईपीएस अभिषेक दीक्षित पर भ्रष्टाचार के साथ ही कार्यों में शिथिलता तथा मातहतों पर प्रभावी नियंत्रण न होने का आरोप है। महोबा के एसपी रहे मणि लाल पाटीदार पर घूस मांगने के साथ ही अपराधियों पर अपेक्षित कार्रवाई न करने का आरोप है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री का रूख बेहद सख्त हो गया है। अभिषेक दीक्षित तमिलनाडु कैडर के IPS अधिकारी हैं और 2018 में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए हैं।
इनके साथ शामिल अन्य पुलिसकर्मियों की भी होगी जांच
मुख्यमंत्री ने निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित तथा मणि लाल पाटीदार की संपत्तियों की विजिलेंस से जांच कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ इन दोनों अधिकारियों की अनियमितताओं में शामिल अन्य सभी पुलिसकर्मियों को जांच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कराएंगे। इनके साथ किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पुलिसकर्मियों की जांच डीजीपी कराएंगे और दोषी मिलने पर तत्काल ही इनको दंडित कराया जाएगा।