सार
मांट थाना क्षेत्र के कुड़वारा गांव में बीते 3 सितंबर को खुले में घूमने वाली एक वृद्ध गाय की मौत हो गई। जिसके बाद लोगों ने उसके अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया।
मथुरा (उत्तर प्रदेश). पितृ पक्ष में एक ओर जहां लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म कर उनका तर्पण कर रहे हैं। वहीं, यूपी के मथुरा में लोगों ने गाय के मरने पर न सिर्फ हिंदू रीति रिवाज से उसे दफनाया। बल्कि उसकी आत्म की शांति के लिए पंडितों और 101 कन्याओं को भोज कराकर भंडारा कराया। इस काम में एक मुस्लिम फैमिली ने भी सहयोग किया।
क्या है पूरा मामला
मांट थाना क्षेत्र के कुड़वारा गांव में बीते 3 सितंबर को खुले में घूमने वाली एक वृद्ध गाय की मौत हो गई। जिसके बाद लोगों ने उसके अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। गांव के बाहर गड्ढा खोदकर गाय को हिंदू रीति रिवाज से समाधि दी। इसके बाद सभी लोगों ने गाय की आत्मा की शांति के लिए 12वें दिन भंडारे की तारीख तय की गई। इस विशाल भंडारे के लिए सभी ने चंदा लगाकर करीब एक लाख रुपए जुटाए और आसपास के कई गांवों में भंडारे का न्यौता भेजा।
मुस्लिम फैमिली ने गाय के अंतिम संस्कार में किया सहयोग
शनिवार को सबसे पहले 12 पंडित और 101 कन्याओं को भोज कराया गया। इसके बाद रामफल सिंह इंटर कॉलेज में भंडारा शुरू किया गया। स्कूल के चेयरमैन जयवीर सिंह ने बताया, भंडारे में नगला खैंमा, धनी का नगला, सिर्रैला, लाल गढ़ी आदि बांटा गया। करीब चार हजार लोगों ने भंडारा खाया। कुड़वारा गांव के हाकिम और उनकी पूरी फैमिली ने गाय के अंतिम संस्कार से लेकर भंडारे तक में आर्थिक और शारीरिक रूप से सहयोग किया।