सार
सोमवार को इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म स्वीकार करने के बाद जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बने वसीम रिजवी ने कहा कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि उनकी चिता में अग्नि यति नरसिम्हा सरस्वती देंगे। रिजवी ने बताया कि मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है कि जो मेरा शरीर है, वो मेरे हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ में दे दिया जाए।
लखनऊ : शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने सोमवार को इस्लाम (Islam) छोड़कर सनातन धर्म स्वीकार किया। जिसके बाद उनका नाम वसीम रिजवी से बदलकर जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी हो गया। इस दौरान उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि उनकी चिता में अग्नि यति नरसिम्हा सरस्वती देंगे। रिजवी ने बताया कि मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है कि जो मेरा शरीर है, वो मेरे हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ (lucknow) में दे दिया जाए।
पहले से तैयार था वसीयतनामा
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सनातन धर्म स्वीकार करते हुए ये तो ऐलान किया है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए। रिजवी ने बताया कि इसके लिए उन्होंने पहले से वसीयतनामा भी तैयार कर लिया है। अपने वसीयतनामा से जुड़ी कुछ बातें साझा करते हुए उन्होंने एक वीडियो किया, जिसमें रिजवी ने बताया कि मरने के बाद उनका शरीर हिंदू दोस्तों को सौंप दिया जाए और उनका अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने कहा कि डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती उनकी चिता को मुखाग्नि दें। उन्होंने आगे कहा, 'मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है कि जो मेरा शरीर है, वो मेरे हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ में दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए और चिता में अग्नि हमारे यति नरसिम्हा नंद सरस्वती जी देंगे, मैंने उनको अधिकृत किया है। '
हत्या करने की साजिश रच रहे मुसलमान
रिजवी ने सनातन धर्म स्वीकार करने के बाद मीडिया से बात करते हुए यह आरोप लगाया कि मुसलमान उनकी हत्या और गर्दन काटने की साजिश रच रहे हैं। वसीम रिजवी ने खुद की ओर से जारी किए गए एक वीडियो में कहा, 'हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। मुझ पर इनाम रखे जा रहे हैं। मेरा गुनाह इतना है कि मैंने 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, जो इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती है। अब मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं। उन्होने ये ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देंगे।' आपको दता दें कि वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से ये याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम समुदायों के निशाने पर हैं. मुस्लिम संगठन उनकी गिरफ्तारी की भी मांग करते रहे हैं।