सार

 शाहजहांपुर में एक ऐसी अनोखी रामलीला का मंचन होता है, जहां रामायण के सभी पात्रों को महिलाएं निभाती है । यहां राम, लक्षमण , रावण समेत अन्य सभी किरदार महिलाएं ही निभाती है । महिलाओं के इस रामायण मंचन का मकसद अपने परिवार में रामायण के आदर्शों को जीवन में उतारना है।

शाहजहांपुर( UTTAR PRADESH). शाहजहांपुर में एक ऐसी अनोखी रामलीला का मंचन होता है, जहां रामायण के सभी पात्रों को महिलाएं निभाती है । यहां राम, लक्षमण , रावण समेत अन्य सभी किरदार महिलाएं ही निभाती है । महिलाओं के इस रामायण मंचन का मकसद अपने परिवार में रामायण के आदर्शों को जीवन में उतारना है।
 
शाहजहांपुर के कृभको फर्टिलाइजर लिमिटेड खाद फैक्ट्री के अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवार की महिलाएं अपनी अलग ही रामलीला मनाती हैं । कृभको टाउनशिप में हर दशहरा पर इस विशेष रामलीला का मंचन किया जाता है । खास बात है कि रामायण के मंचन में किसी भी पुरुष कलाकार को शामिल नहीं किया जाता है । यहां के राम लीला में सिर्फ महिलाएं ही रामायण के चरित्रों का मंचन करती हैं ।

रोल को बेहतर ढंग से निभाने को करती हैं कड़ी मेहनत 
दशहरे के दिन यह सभी महिलाएं रामलीला का मंचन करती है । कड़ी मेहनत के बाद यह सभी महिलाएं अपने अपने रोल को बेहतरीन तरीके से निभाती हैं । महिलाओं का कहना है कि रामलीला मंचन करने का उद्देश्य यह है कि इस तरह के मंचन से उनके अंदर कला की भावना तो पैदा होती ही है साथ ही रामायण के आदर्शों को भी वो अपने परिवार में उतारने की कोशिश करती हैं।

रामायण में अच्छे पात्रों का चरित्र अपने परिवार में उतारना मकसद 
रामायण का मंचन करने वाली सभी महिलाएं खाद फैक्ट्री के अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवार की है । इन महिलाओं का मानना है कि महिला सशक्तिकरण के दौर में अगर यह महिलाएं मंचन करती है तो कहीं ना कहीं रामायण के चरित्र और उनके आदर्श उनकी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं। उनका कहना है कि रामायण का हर पात्र उनकी जिंदगी में कुछ ना कुछ छाप जरूर छोड़ जाता है । इन महिलाओं का कहना है कि रामायण में ऐसा बहुत कुछ है जो आपकी जिंदगी बदल सकता है।