सार
सीएम योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद, एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे है। अब उन्होंने सरकारी विभागों में पांच साल की प्रविष्टियों पर पदोन्नति देने का फैसला किया है।
लखनऊ: दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद से सीएम योगी ताबड़तोड़ फैसले ले रहे है। आए दिन वो कोई ना कोई फैसला लेते रहते हैं। अब सीएम योगी ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ सरकारी कर्मचारियों को लेकर लिया बड़ा पैसला
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकारी विभागों में पांच साल की प्रविष्टियों पर पदोन्नति देने का फैसला किया है। जिसको लेकर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने निर्देश भी जारी कर दिये है।
क्या है पदोन्नति देने का फॉर्मूला
बता दे कि पहले सरकारी विभागों में पदोन्नति 10 साल की प्रविष्टियों के आधार पर दी जाती थी। वही शासनादेश के अनुसार अगर किसी कर्मचारी ने काम के दौरान बड़ा गुनाह किया है तो उसे तीन साल पदोन्नति नहीं दी जाएगी और अगर किसी कर्मचारी ने संकीर्ण अपराध किया है तो उसे एक साल पदोन्नति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही अगर किसी कर्मचारी को दंड के बाद भी पदोन्नति दे दी गई है, तो जब उस कर्मचारी को दूसरी बार पदोन्नति देना होगा तो उसके दंड का संज्ञान नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही अगर किसी कर्मचारी के पांच वर्षों की प्रविष्टियां पूर्ण नहीं है तो उसका चयन आस्थगित किया जाएगा।
सीएम योगी ने माफियाओं को लेकर जारी किया आदेश
सीएम योगी ने माफियाओं पर जो कार्रवाई होनी चाहिए वो नही हुई है उसको लेकर भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 'पेशेवर माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। सीएम ने कहा कि माफियाओं के प्रति संवेदना ना हो, आम आदमी के प्रति संवेदना होनी चाहिए। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर जो उतारे गए हैं, वह फिर से ना लगें, इसको सुनिश्चित करने को भी सीएम ने कहा। इसके साथ ही साथ आवाज सीमित रहे परिसर के बाहर ना जाने पाए यह भी ध्यान रखने की सीएम ने सलाह दी. उन्होंने संबंधित थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी व उप जिलाधिकारी की जवाबदेही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।'