सार

उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार 21 जुलाई को  पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारंभ किया। इस योजना से 22 लाख कर्मचारियों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार 21 जुलाई को राज्य कर्मचारियों को कैशले सुविधा की सौगात दी। राजधानी स्थिति लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारंभ किया। करीब 22 लाख कर्मचारियों को इस योजना से फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं इसमें राज्य कर्मचारियों के अलावा, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को मिलाकर 75 लाख लोग लाभान्वित होंगे। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर सिंह और बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी मौजूद थे।

योजना को शुरू कर कर्मचारियों की मांग को किया पूरा
कैशलेस हेल्थ कार्ड के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के शुभारंभ के साथ ही वर्षों पुरानी कर्मचारियों की मांग को पूरा कर दिया गया। इससे पहले सेवारत और पेंशनर्स अपना उपचार नहीं करा पाते थे, जिसकी वजह से बीमारी बढ़ जाती थी। लेकिन सरकार ने प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप आयुष्मान का विस्तार शुरू किया। इस योजना में राज्य के अन्त्योदय कार्ड धारकों को भी योजना से जोड़ा गया है। जिसके बाद अब कर्मचारी भी योजना से जुड़ पाए। सरकारी और आयुष्मान में पंजीकृत लोगों को प्राइवेट अस्पताल में निशुल्क उपचार मिल सकेगा। 

कर्मचारियों की कोविड के दौरान नहीं हुई कटौती
सीएम योगी ने कहा कि देश का पहला राज्य है जिसने यह सुविधा शुरू की है। राज्य सरकार कर्मचारियों को परिवार मानती है और उनके लिए चिंता भी करती है। इसी तरह कर्मचारी सामान्य व्यक्ति की चिंता करें और उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो। तभी प्रदेश संयुक्त प्रयास से ही खुशहाल होगा। आगे कहते है कि राज्य सरकार ने कोविड में कर्मचारियों के किसी हिस्से में कटौती नहीं की। सभी की मेहनत से टीम वर्क से कोविड को रोकने में कामयाब रहे। एक दूसरे के हितों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सरकार को जनता चुनती है और उसके प्रति जिम्मेदारी हमारी है।

सरकार ने 100 दिन में ई पेंशन को कर दिया लागू 
कैशलेस चिकित्सा योजना के शुभारंभ में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने 100 दिन में ई पेंशन लागू की। इसलिए उम्मीद है कि कर्मचारी दूसरे को परेशान नहीं करेंगे। अगर किसी ने परेशान किया तो उसे भविष्य में परेशान होना होगा। कुछ तो ऐसे कर्मचारी-अधिकारी होते है, जिनको  उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी याद किया जाता है। जो भी जनता की समस्याओं का समाधान करता है, उसे दुआ मिलती है। और हमें हर व्यक्ति से दुआ लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कर्मचारी नेताओं को भी कार्ड देना चाहिए था। इस बार कर्मचारी नेताओं ने डिमांड नहीं की फिर भी हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और भविष्य में भी निभाएंगे।

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