सार

उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में साढ़े चार साल पहले जब योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी तो उन्होंने शहरों के नाम बदलने की जो शुरुआत की, वह अभी थमी नहीं है। एक बार फिर स्टेशन का नाम बदला गया। अब फैजाबाद जंक्शन (Faizabad Junction) को अयोध्या कैंट (Ayodhya Cantt Station) के नाम से जाना जाएगा। शहरों और स्टेशनों के नाम बदलने के पीछे सरकार का कहना है कि अपनी धार्मिक संस्कृति और विरासत को संजोने की कोशिश की जा रही है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने एक और बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने फैजाबाद रेलवे जंक्शन (Faizabad Junction) का नाम ‘अयोध्या कैंट’ (Ayodhya Cantt) करने का निर्णय लिया है। यानी अयोध्या कैंट के नाम से फैजाबाद जंक्शन जाना जाएगा। स्टेशन का नाम बदलने को लेकर काफी समय से मांग की जा रही थी। पिछले साल स्थानीय भाजपा सांसद लल्लू सिंह (BJP MP Lallu Singh) ने मुख्यमंत्री से फैजाबाद रेलवे स्टेशन को अयोध्या कैंट करने की गुजारिश की थी। इस पर सीएम ने औपचारिकता पूरी कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया था। बता दें कि इससे पहले भी यूपी में कई शहरों और स्टेशनों का नाम बदला गया है।

हाल ही में योगी सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ करने की सिफारिश की थी। ये प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संबंधित एजेंसियों से टिप्पणियां मांगी है। इसके अलावा, दिल्ली स्थित दो सरकारी भवन यूपी सदन और यूपी भवन के नए नामों का भी फैसला लिया है। दिल्ली में यूपी सदन का नाम अब उत्तर प्रदेश सदन त्रिवेणी रखा गया है, जबकि यूपी भवन का नाम अब उत्तर प्रदेश भवन संगम होगा।

दीनदयाल उपाध्याय और प्रयागराज रेलवे स्टेशन
2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी में सबसे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला गया। योगी सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अगस्त 2018 में मुगलसराय स्टेशन पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन बन गया। इसके बाद योगी कैबिनेट ने मुगलसराय तहसील का नाम भी बदला और पंडित दीन दयाल उपाध्याय तहसील कर दिया। फरवरी 2020 में प्रयागराज के चार रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदले गए थे, जिसके बाद इलाहाबाद जंक्शन अब प्रयागराज जंक्शन बन गया। इसके अलावा इलाहाबाद सिटी स्टेशन, रामबाग और इलाहाबाद छिवकी स्टेशन के नाम भी बदले गए हैं। साथ ही प्रयागराज घाट का नाम बदलकर प्रयागराज संगम कर दिया गया है। 

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फैजाबाद जिला बना अयोध्या 
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले ही योगी सरकार ने अयोध्या को पूरी तरह बदलने का काम शुरू कर दिया था। दिवाली का ऐसा जश्न मनाया गया, जिसने भगवान राम के युग की याद दिलाई। यहां घाटों पर इतने दीप जलाए गए कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गए। इसके साथ ही योगी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम भी अयोध्या कर दिया। यानी अयोध्या शहर जिस फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, उसका स्वरूप ही बदल दिया गया और पूरे जिले को अयोध्या बना दिया गया।

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अब इन शहरों के नाम बदलने की डिमांड
यूपी में नाम बदलने का जो कल्चर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के आधार पर शुरू हुआ, उसके बाद अब दूसरे शहरों की पहचान बदलने की भी मांग की जाने लगी है। बीजेपी नेता और संगठन अलीगढ़ का नाम बदलकर हरीगढ़ करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, ये मांग नई नहीं है। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल में अलीगढ़ का नाम बदलने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा आगरा को अग्रवन, आजमगढ़ को आर्यमगढ़, गाजीपुर को गाधिपुरी, सुल्तानपुर को कुशभवनपुर करने की चर्चा है। गाजियाबाद को लेकर भी मांग की गई। वहीं, मैनपुरी का नाम बदले जाने के प्रस्ताव को भी जिला पंचायत ने मंजूरी दी है। मैनपुरी का नया नाम मयन नगर तय किया गया है। इस पर आखिरी फैसला शासन को लेना है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मयन ऋषि की तपोभूमि होने की वजह से यहां का नाम मयन पुरी रखा गया था। मैनपुरी के औंछा इलाके में च्यवन ऋषि का आश्रम मौजूद है। कहा जाता है कि उन्होंने यहीं पर तपस्या की थी।