सार

रितेश यादव बल्लेबाज के पैर के पंजे पर बिल्कुल सटीक जगह गेंद फेंकने में महारत हासिल कर चुके हैं। 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम रितेश के एक वीडियो की तारीफ दुनिया के नंबर एक गेंदबाज रहे ब्रेट ली भी कर चुके हैं। प्रैक्टिस के दौरान अपनी गेंदबाजी का वीडियो रितेश यार्कर मशीन के नाम से सोशल मीडिया पर डालते हैं।

गोरखपुर (Uttar Pradesh) । ट्विटर पर इस वीडियो को देखने के बाद हर किसी के मुंह बस यही आवाज निकल रहा है गजब, काशः यह प्लेयर टीम इंडिया में शामिल हो जाता। दरअसल ऐसा करने वाले इस लड़के को लोग Yorker machine from Gorakhpur भी कहते हैं। जिसका नाम रितेश यादव है, जो अपनी 130 की स्पीड में गेंद यार्कर डालकर नारियल तोड़ देते हैं, जिसके मुरीद दुनिया के नंबर एक गेंदबाज रहे ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली भी हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे रितेश के इस वीडियो अब तक ट्विटर पर 45 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। बता दें कि यह बॉलर फिलहाल इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में जगह बनाने के लिए पसीना बहा रहा है।

सोशल मीडिया पर बने यार्कर मशीन
रितेश यादव बल्लेबाज के पैर के पंजे पर बिल्कुल सटीक जगह गेंद फेंकने में महारत हासिल कर चुके हैं। 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम रितेश के एक वीडियो की तारीफ दुनिया के नंबर एक गेंदबाज रहे ब्रेट ली भी कर चुके हैं। प्रैक्टिस के दौरान अपनी गेंदबाजी का वीडियो रितेश यार्कर मशीन के नाम से सोशल मीडिया पर डालते हैं। उनका पूरा जोर यार्कर पर रहता है। गेंद से नारियल तोडऩे वाला वीडियो रितेश ने लॉकडाउन के दौरान घर में बनाया और ट्वीटर पर अपलोड किया।

#Break the coconut. pic.twitter.com/IazQ1z2KeL

मां की मौत के बाद लौट गए थे घर

रितेश सिंघडिय़ा मोहल्ले के निवासी हैं। वो बचपन में जब टेनिस बॉल से क्रिकेट की शुरुआत किए तब पिता रमाशंकर को पसंद नहीं आया। रितेश की प्रतिभा उस समय के स्टार खिलाड़ी आकाश गुप्ता ने पहचानी और साल 2012 में क्रिकेट की मुख्य धारा में आने को प्रेरित किया। इसी बीच मां मीरा देवी की मौत ने रितेश को झकझोर दिया, लेकिन वह लक्ष्य से नहीं भटके। लखनऊ के अलग-अलग क्लबों में छह महीने खेलने के बाद पारिवारिक झंझावतों के चलते उन्हें गोरखपुर लौटना पड़ा।

मित्रों की मदद और रिश्तेदारों की प्रेरणा से निखरी प्रतिभा
मित्रों की मदद और रिश्तेदारों की प्रेरणा से कुछ ही दिन बाद रितेश फिर मैदान में उतरे। हालांकि इस बार वो लखनऊ न जाकर दिल्ली की राह पकड़ ली। डीडीसीए (दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन) की प्रतियोगिताओं में दो साल तक खेलने के दौरान रितेश को भारतीय क्रिकेट टीम के कई स्टार खिलाडिय़ों का सानिध्य मिला। उनकी सफलता से पिता का मन भी अब बदलने लगा है। वह बेटे का हौसला बढ़ाने में जुट गए। रितेश इस समय गोरखपुर में लेवल टू के कोच आकाश की एकेडमी में प्रैक्टिस कर रहे हैं।