सार
परिवार के लोग घर में इंट्री नहीं दिए। परिजनों ने उससे कहा कि पहले 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहो, उसके बाद ही घर में प्रवेश मिलेगा। इसके लिए उन्होंने प्रधान को सूचना दिया। प्रधान ने बताया कि सूचना मिलते ही युवक के घर पहुंचकर उसकी स्क्रीनिंग कराई गई। इसके बाद उसे क्वारंटाइन सेंटर में रख दिया गया है। वहां बेहतर ढंग से रहने खाने की व्यवस्था की गई है।
महराजगंज (UttarPradesh) । लॉकडाउन-3 में एक युवक हैदराबाद से साइकिल चलाकर 12 दिन में अपने घर पहुंचा है। जिसे देख परिवार के लोगों ने घर में घुसने नहीं दिया। परिजनों ने उससे कहा कि पहले 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहो, फिर घर में प्रवेश मिलेगा। उन्होंने ही इसकी जानकारी गांव के प्रधान को दी। इसके बाद युवक की स्क्रीनिंग कराने के बाद गांव के सरकारी स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है।
यह है पूरा मामला
शिकारपुर गांव के रहने वाला एक युवक हैदराबाद में काम करने गया था। लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद हो गया। कुछ दिन तो किसी तरह से काट लिए। लेकिन, धीरे-धीरे बचे हुए पैसे खत्म हो रहे थे। ऐसे में उसने अपने कुछ साथियों के साथ घर जाने की योजना बनाई। युवक ने अपने बचे पैसे से एक साइकिल खरीदी और घर के लिए निकल पड़ा
नहीं थे खाने के लिए पैसे, ऐसे पहुंचा घर
युवक ने बताया कि सिसवा के दो, बृजमनगंज के तीन और निचलौल के दो लोगों के साथ साइकिल लेकर वे घर के लिए रवाना हुए थे। पास में जब तक रुपये थे, तब तक कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन पैसा समाप्त होने के बाद दूसरों के भरोसे ही रहना पड़ा। उसने बताया कि रास्ते में सिर्फ कुछ स्थानों पर लोगों ने खाने-पीने के लिए कुछ दे दिया। हैदराबाद से साइकिल से 12 दिन में अपने गांव शिकारपुर पहुंचा।
परिवार वालों ने ही दी सूचना
परिवार के लोग घर में इंट्री नहीं दिए। परिजनों ने उससे कहा कि पहले 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहो, उसके बाद ही घर में प्रवेश मिलेगा। इसके लिए उन्होंने प्रधान कमलेश श्रीवास्तव को सूचना दिया। प्रधान ने बताया कि सूचना मिलते ही युवक के घर पहुंचकर उसकी स्क्रीनिंग कराई गई। इसके बाद उसे क्वारंटाइन सेंटर में रख दिया गया है। वहां बेहतर ढंग से रहने खाने की व्यवस्था की गई है।