डब्ल्यूएचओ ने भी उज्जवला योजना को सराहा। धुएं से पूरी दुनिया में सालाना 3.2 मिलियन लोगों की मौत होती।
धुएं और वायु प्रदूषण से मरने वालों में सबसे अधिक 237000 से अधिक बच्चे शामिल हैं जिनकी उम्र पांच साल से कम है।
भारत में पहली बार 1950 में एलपीजी रसोई गैस आया। करीब 60 सालों में देश के 14.5 करोड़ घरों में गैस कनेक्शन पहुंचा।
भारत सरकार के एक आंकड़ें के अनुसार, 2014 के बाद 44 प्रतिशत घरों में एलपीजी कनेक्शन पहुंचा। इससे खाना बनाने के पारंपरिक तरीकों-लकड़ी, कोयला, केरोसिन आदि से निजात मिला।
सरकार ने 75 लाख अतिरिक्त उज्जवला योजना कनेक्शन बांटने का ऐलान किया है। इसके बाद लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ पहुंच जाएगी।
उज्जवला योजना के लाभार्थियों को अब सिलेंडर पर 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी। यानी उनको 700 रुपये के आसपास एलपीजी मिलेगी।
उज्जवला योजना के एक लाभार्थी को कनेक्शन पर 3600 रुपये सरकार देती है।
1600 रुपये में सिलेंडर की सिक्योरिटी डिपॉजिट, पाइप, बुकलेट और रेगुलेटर। 2000 रुपये में चूल्हा और पहली रिफिल।
दुबारा जब उज्जवला कनेक्शन वाला गैस भरवाने जाता तो 200 रुपये सब्सिडी मिलती।