सार
कहते हैं कि किस्मत के खेल निराले। किस्मत जब चमकती है तो किसी के भी वारे-न्यारे हो जाते हैं। ऐसा ही हुआ जब इटानगर में एक रिक्शेवाले को 50 लाख की लॉटरी लग गई।
इटानगर। कहते हैं कि किस्मत जब चमकती है तो जिंदगी बदल जाती है। इंसान जो कभी सोच नहीं सकता, वह हासिल कर लेता है। ऐसा ही हुआ जब एक गरीब रिक्शेवाले को 50 लाख की लॉटरी लग गई। रिक्शावाला पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और इटानगर में रह कर रिक्शा चलाता है। उसे नगालैंड स्टेट लॉटरी का पहला प्राइज मिला है। पश्चिम बंगाल के पूर्वी वर्द्धमान जिले का रहने वाला गौर दास काफी समय से इटानगर में रह कर रिक्शा चलाता था। वह लॉटरी का टिकट खरीदने के मूड में नहीं था, पर लॉटरी टिकट बेचने वाले के बहुत जोर देने पर उसने लॉटरी का टिकट खरीद लिया। उस समय उसकी जेब में सिर्फ 70 रुपए थे। पिछले रविवार को पता चला कि उसे पहला इनाम मिला है। अब उसके अकाउंट में इनाम की राशि आ गई है।
जा रहा था पिकनिक मनाने
गौरदास रिक्शाचालकों की यूनियन के साथियों के साथ पिकनिक मनाने जा रहा था। लेकिन उसी समय तेज बारिश होने लगी। इससे वे लोग पिकनिक मनाने नहीं जा सके। वह वापस घर लौट रहा था। उसी समय लॉटरी का टिकट बेचने वाले ने उस पर लॉटरी टिकट खरीदने के लिए जोर देना शुरू कर दिया। गौर दास लॉटरी का टिकट नहीं खरीदना चाहता था, क्योंकि उसके पास सिर्फ 70 रुपए ही बचे थे। लेकिन जब टिकट बेचने वाले ने बड़ी जिद शुरू की तो उसने एक टिकट खरीद लिया।
मिला पहला इनाम
इसके बाद रविवार को जब वह लॉटरी का परिणाम देखने गया तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उसे 50 लाख रुपए का पहला प्राइज मिला था। इसके बाद उसने परिवार वालों को यह बात बताई। सभी खुशी से झूमने लगे। दूसरे दिन दास ने बैंक में टिकट जमा करा दिया, जहां जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसके अकाउंट में इनाम की राशि जमा करा दी गई।
6 लोगों का है परिवार
रिक्शाचालक गौरदास के परिवार में उसकी पत्नी, दो बेटे, एक बेटी और विधवा मां है। सिर्फ रिक्शा चलाने से उसे इतनी आमदनी नहीं होती कि घर का खर्चा पूरा हो सके। इसके चलते उसकी पत्नी और मां को भी मजदूरी करनी पड़ती थी। लेकिन लॉटरी में इतनी बड़ी रकम मिल जाने के बाद अब उसकी हालत बदल गई है। दास का कहना है कि वह इस पैसे से कोई बिजनेस शुरू करेगा।