सार

आपने कई बार हाथियों को अपने शरीर पर पानी डालते हुए देखा होगा। हममें से ज्यादातर लोगों को लगता है कि हाथी मस्ती में ऐसा कर रहे हैं लेकिन असलियत ज्यादातर लोग नहीं जानते। 

हटके डेस्क: आपने कई बार जंगल सफारी में या डिस्कवरी चैनल्स में हाथियों को मस्ती करते हुए देखा होगा। हाथी ज्यादातर झुंड में रहते हैं। पानी में इनकी मस्ती तो देखते ही बनती है। आपने इसी मस्ती के दौरान कई बार हाथियों को अपनी बॉडी के ऊपर पानी फेंकते हुए देखा होगा। हाथी सूंड में पानी भरकर अपने शरीर पर डालते जाते हैं। आज से पहले शायद आपको भी ऐसा ही लगता होगा कि हाथी मस्ती में ऐसा करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इसके पीछे की वजह मस्ती नहीं, बल्कि हाथियों की एक मजबूरी है।  

मोटी चमड़ी वाला होता है हाथी 
हाथी को जंगल का राजा भी कहते हैं। इन विशालकाय हाथियों की चमड़ी काफी मोटी होती है। इनकी स्किन में काफी झुर्रियां होती हैं और उनमें गहरी दरारें होती हैं। ऐसा इसलिए ताकि हाथी अपनी बॉडी का तापमान कंट्रोल करके रख सकें। दरअसल, जानवरों में पसीने की ग्रंथि नहीं होती। इस कारण प्राकृतिक तरीके से उनकी बॉडी अपना तापमान कंट्रोल नहीं कर पाती। स्किन की दरारों से भले ही वो अपनी बॉडी का टेम्प्रेचर थोड़ा कंट्रोल कर लेते हैं। 

इस तरह टेम्प्रेचर कंटोल करते हैं जानवर 
जानवरों की बॉडी में पसीना निकालने की ग्रंथि नहीं होती है। कुछ जानवरों की रक्त शिराएं चौड़ी होती है। कुछ जानवर जल्दी-जल्दी सांस लेकर अपनी बॉडी का टेम्परेचर मेंटेन करते हैं। बात अगर हाथी की करें तो साइंटिस्ट्स ने पाया कि जब भी उनकी बॉडी पर तनाव पड़ता है, तब इनके बाहरी स्किन पर दरारें उभर कर दिखने लगती है। उस समय उनकी बॉडी का तापमान काफी बढ़ जाता है। 

चलने से पड़ता है दवाब 
हाथी ज्यादातर चलते ही हैं। चलने से इनकी त्वचा पर दरारें पड़ जाती हैं। हाथी जितना विशाल होता है, उसकी स्किन पर उतना ज्यादा दवाब पड़ता है। जैसे-जैसे हाथी का शरीर बढ़ता जाता है, उसके स्किन की सतह का क्षेत्र कम होता जाता है। जब दरारें ज्यादा दिखने लगती है, तब हाथी पानी अपनी सूंड में भरकर शरीर पर डालते हैं। इससे पानी दरारों के अंदर जाता है और हाथी के बॉडी का तापमान कम हो जाता है। अपनी बॉडी का टेम्प्रेचर कम करने के लिए ही हाथी अपनी बॉडी पर पानी फेंकते हैं।