सार

इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्त होने के बाद वहां आतंकी संगठन आईएसआईएस का प्रभाव बढ़ गया और इन आतंकियों ने यजीदी लोगों पर काफी आत्याचार किए। आईएसआईएस के आतंकियों  ने यजीदी लड़कियों और महिलाओं का अपहरण किया, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया, उन्हें सेक्स स्लेव बना कर रखा और क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
 

हटके डेस्क। इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्त होने के बाद वहां आतंकी संगठन आईएसआईएस का प्रभाव बढ़ गया और इन आतंकियों ने यजीदी लोगों पर काफी आत्याचार किए। आईएसआईएस के आतंकियों ने यजीदी लड़कियों और महिलाओं का अपहरण किया, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया, उन्हें सेक्स स्लेव बना कर रखा और क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्त होने के बाद वहां आतंकी संगठन आईएसआईएस का प्रभाव बढ़ गया था। आईएसआईएस के आतंकियों  ने यजीदी लड़कियों और महिलाओं का अपहरण कर उन्हें सेक्स स्लेव बना कर रखा और क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। नाडिया मुराद का अपहरण आईएसआईएस आंतकियों ने अगस्त 2014 में किया था। 

11 भाई-बहनों में थी सबसे छोटी
नाडिया मुराद अपने 11 भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। वह नॉर्थ-वेस्ट इराक के एक गांव में रहती थी। उसका सपना था कि बड़ी होकर वह एक ब्यूटी पार्लर खोलेगी। एक दिन आतंकियों ने उसके गांव पर हमला किया। उन्होंने बहुत जुल्म ढाए और सैकड़ों लड़कियों व औरतों का अपहरण कर ले गए। आतंकी उन्हें एक अनजान जगह पर कैम्पों में रखते थे और उनके साथ लगातार बलात्कार किया जाता था। भागने की कोशिश करने पर वे उन पर और भी जुल्म ढाते थे। एक बार जब उसने भागने की कोशिश की तो आतंकियों मे पकड़ लिया और बेरहमी के साथ गैंगरेप करवाया।

किसी तरह उनके चंगुल से निकल भागी
कई साल तक सेक्स स्लेव की जिंदगी जीने के बाद मुराद एक दिन मौका पाकर किसी तरह आतंकियों के चंगुल से निकल भागी। इसके बाद वह एक सुरक्षित ठिकाने पर पहुंची। बाद में उसे यूनाइडेट नेशन्स द्वारा संचालित किए जा रहे एक कैम्प में शरण मिली। वहां मुराद ने आतंकियों के जुल्म की जो दास्तान कही, उसे सुन कर किसी की भी रूह कांप जाएगी। उसने बताया कि एक छोटे से अंधेरे कमरे में कई यजीदी लड़कियों को रखा जाता था और आतंकी उनके साथ गैंगरेप करते थे। विरोध करने पर वे उनके शरीर को नोच डालते थे। वे सेक्स स्लेव बनाने के लिए लड़कियों का रजिस्ट्रेशन करते थे और उन्हें फोटो आईडी भी जारी करते थे।

मुराद ने लिखी किताब
आईएसआईएस आतंकियों के अत्याचारों पर मुराद ने एक किताब ही लिखी है, जिसका नाम है - 'द लास्ट गर्ल : माय स्टोरी ऑफ कैपटिविटी, एंड माय फाइट अगेन्स्ट द इस्लामिक स्टेट' (The Last Girl: My Story of Captivity and My Fight Against the Islamic State)। इस किताब में मुराद ने जिन सच्चाइयों का खुलासा किया है, उससे पता चलता है कि आईएस कितना खूंखार आतंकी संगठन है। मुराद ने लिखा है कि अभी भी आईएसआईएस के कब्जे में 3,000 से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। लगभग सभी महिलाओं को सेक्स स्लेव बना कर रखा गया है। 

2018 में मिला नोबेल प्राइज 
आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने के लिए और इसकी सच्चाई को सामने लाने के लिए मुराद को साल 2018 में डेनिस मुकवेगे नाम के शांति कार्यकर्ता के साथ संयुक्त रूप से नोबेल प्राइज दिया गया। नोबेल प्राइज अवॉर्ड फंक्शन में नाडिया ने आंतकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखने का संकल्प दोहराया। यूनाइडेट नेशन्स में मुराद ने कई बार आतंकवाद के खिलाफ भाषण दिया है। 23 साल की मुराद का कहना है कि उनकी किताब का बिक्री से जो पैसा आएगा, उसका एक बड़ा हिस्सा वे उन औरतों को आगे बढ़ाने के लिए खर्च करेंगी, जो आईएसआईएस से किसी तरह मुक्त हो चुकी हैं। मुराद का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ना ही उनके जीवन का अब एकमात्र मकसद है।