सार

ट्रेनों में अपर बर्थ मिलने पर बुजुर्गों और महिलाओं को काफी परेशानी होती है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर ने फोल्डेबल सीढ़ियां बनाई हैं। 

कानपुर: भारत में ज्यादातर लोग सफर करने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। ट्रेनों में सफर करना बस और कार के मुकाबले काफी आरामदायक रहता है। लंबी जर्नी के दौरान लोग ट्रेन में आराम स जो भी जाते हैं। भारत में ट्रेन की जर्नी प्लेन के मुकाबले काफी सस्ती होती है। लेकिन इस सफर में अगर कोई एक मुश्किल होती है, वो है अपर बर्थ पर चढ़ने की जद्दोजहत।  

आईआईटी कानपुर की पहल 
आईआईटी कानपुर की एक टीम ने भारतीय रेलवे की बोगी पर चढ़ने के लिए फोल्ड होने वाली सीढ़ियां बनाई है।  इस सीढ़ी की मदद से कोई भी आसानी से अपर बर्थ तक पहुंच सकता है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े कनिष्क बिस्वास ने बताया कि ये सीढ़ी तीन स्टेप में फोल्ड हो जाती है। इसे आसानी से लॉक-अनलॉक कर देते हैं।   सीढ़ियों के कम जगह लेने के लिए इसे आड़ा-टेढ़ा बनाया गया है। 

कुछ ऐसी है डिजाइन 
सीढ़ी पर पैर रखने के लिए पहली और दूसरी बर्थ के बीच तीन स्टैंड लगाए गए हैं। इस सीढ़ी की डिजाइन को टीम ने रेलवे के पास ट्रायल के लिए भेजा है। इसके बाद ही आगे की फॉरमैलिटीज पूरी की जा सकेगी। वहीं इसके डिजाइन को पैटेंट करवाने के लिए भेजा जा चुका है। 

पीएचडी होल्डर हैं टीम मेंबर्स 
इस सीढ़ी को डिजाइन करने वाली टीम में कनिष्क, जो प्रोग्राम डिजाइनिंग में पीएचडी होल्डर हैं  भी कई लोग हैं। इसमें पुष्पल डे, अर्थ साइंस के पीएचडी स्कॉलर ईशा रे, मैक्निकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिशाख भट्टाचार्य और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ तरूण गुप्ता शामिल हैं।