सार
मलेशिया में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैला है। वहां फेस मास्क की इतनी कमी हो गई है कि हेल्थ वर्कर्स को प्लास्टिक बैग से अपने चेहरों को ढकना पड़ रहा है।
हटके डेस्क। मलेशिया में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैला है। खास कर, जब से वहां की एक मस्जिद में करीब 15 हजार लोगों ने जुट कर एक धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया, उसके बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई है। इसके बाद सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए एक तरफ जहां ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाई, वहीं लोगों के बाहर जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। इसे मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर कहा गया है। बता दें कि यह ऑर्डर 6 दिन पहले ही जारी किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि लोगों में इसका संक्रमण नहीं फैल सके। वहीं, हेल्थ वर्कर्स फेस मास्क की कमी के कारण प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करने को मजबूर हो गए हैं। इससे संबंधित एक वीडियो वायरल हो रहा है।
सरकार ने उठाए हैं सख्त कदम
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब सबके लिए घर में ही रहना जरूरी कर दिया गया है। कोई भी बेवजह बाहर नहीं निकल सकता है। इसके साथ ही मलेशिया की सरकार ने इस महामारी को रोकने के लिए और भी कई कदम उठाए हैं। लेकिन सरकार को इस वायरस से निपटने के लिए संसाधनों की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
हेल्थ वर्कर्स यूज कर रहे प्लास्टिक बैग
मलेशिया में फेस मास्क की इतनी कमी हो गई है कि हेल्थ वर्कर्स को प्लास्टिक बैग से अपने चेहरों को ढकना पड़ रहा है। ये हेल्थ वर्कर्स सबसे पहले कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं। इसलिए सुरक्षा के सही उपाय किए बिना काम करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। वे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उसके पास संसाधनों की कमी है। लेकिन हेल्थ वर्कर्स अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना के मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं।
फेसबुक पर वीडियो हुआ वायरल
मास्क की जगह प्लास्टिक बैग के टुकड़े से चेहरा ढकने वाले इन हेल्थ वर्कर्स का एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो गया है। इसमें साफ दिख रहा है कि एक हेल्थ वर्कर अपने साथी के लिए प्लास्टिक की थैली से मास्क बनाने के लिए उसे कैंची से काट रहा है। इसके बाद वह हेल्थ वर्कर प्लास्टिक की थैली को चेहरे पर लपेटने के बाद सिर पर कैप पहन रहा है। ये हेल्थ वर्कर लोगों के पास जाकर उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने के लिए समझाते हैं और जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं, उन्हें अस्पताल ले जाते हैं। भूलना नहीं होगा कि ऐसा करते हुए खुद उनकी जिंदगी खतरे में रहती है। लोगों का कहना है कि हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा के पूरे इंतजाम होने चाहिए।