सार
ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब किसी वजह से इंसानों के बच्चे जंगलों में चले गए और जानवरों के साथ रहने लगे। खास बात है कि जानवरों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन उनके साथ रहने से बच्चे भी जानवरों जैसा ही व्यवहार करने लगे।
हटके डेस्क। ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब किसी वजह से इंसानों के बच्चे जंगलों में चले गए और जानवरों के साथ रहने लगे। खास बात है कि जानवरों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन उनके साथ रहने से बच्चे भी जानवरों जैसा ही व्यवहार करने लगे। जब वे किसी तरह जंगलों से बाहर निकल कर दोबारा इंसानों की दुनिया में आए तो लोग उन्हें देख कर चौंक गए, क्योंकि उनका व्यवहार पूरी तरह जानवरों जैसा था। वे चार पैरों पर चलते थे और जानवरों जैसी आवाज भी निकालते थे। इनकी कहानी को दुनिया के सामने लाने के लिए लंदन की एक फोटोग्राफर जूलिया फुलेटर्न ने डार्क फोटोज नाम की एक सीरीज तैयार की, जो कल्पना के आधार पर बनाई गई थी, लेकिन उसमें जानवरों के साथ रहने वाले बच्चों के जीवन की सच्चाई दिखाई गई थी। इन बच्चों को फेरल चिल्ड्रन यानी जंगली बच्चा कहा जाता है।
1. यूक्रेन की एक बच्ची रही कुत्तों के साथ
जूलिया फुलेटर्न ने बताया कि उसे पता चला कि यूक्रेन की एक बच्ची जब बुहत छोटी थी, तभी वह अपने घर से निकल गई। उसके पेरेंट्स शराबी थे। उन्होंने बच्ची की तलाश भी नहीं की। वह बच्ची 3 साल की उम्र से करीब 6 साल तक कुत्तों के साथ रही। इसके बाद वह कुत्तों की तरह ही चार पैरों पर चलने लगी और इंसानी भाषा भूल कर भौंकने लगी। उसका काफी इलाज किया गया, लेकिन उसके व्यवहार में ज्यादा बदलाव नहीं आया। उसे यूक्रेन के एक हॉस्पिटल के फार्म एनिमल शेल्टर में रखा गया। वह सिर्फ हां और ना ही बोलना सीख सकी।
2. चिड़िया जैसा व्यवहार करने लगा बच्चा
रूस के प्रावा में एक 7 साल का बच्चा घर में पक्षियों के साथ रहता था। उसकी मां ने कई पक्षी पाल रखे थे और अपने बच्चे को भी उनके साथ ही रखते थी। वह बच्चा हमेशा पक्षियों के साथ ही रहता था। धीरे-धीरे वह उनकी तरह ही खाने-पीने लगा और चिड़ियों की तरह ही बोलने लगा। बाद में उसका मेंटल हॉस्पिटल में इलाज कराना पड़ा।
3. बंदर बन गई बच्ची
साउथ अमेरिका की एक बच्ची जब 5 साल की थी तो वह भटक कर जंगलों में चली गई और वापस नहीं आ सकी। उसे कुछ बंदरों ने अपने साथ रखा। वह उनकी तरह ही रहने लगी और पेड़ों की डालियों पर उछल-कूद करने लगी। वह बंदरों की तरह ही खाती-पीती थी। बाद में एक शिकारी ने उसे पकड़ लिया और बेच दिया।
4. भेड़िया बच्चा
1972 में भारत में शामदेव नाम का एक बच्चा भटक कर जंगलों में चला गया था। वह वहां भेड़ियों के साथ रहने लगा था और उनकी तरह ही आवाज निकालता था। वह शिकार भी करता था और कच्चा मांस खाता था। बाद में उसे पकड़ कर लाया गया और लखनऊ के मदर टेरेसा होम में रखा गया। उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। बाद में जल्दी ही उसकी मौत हो गई।
5. मेक्सिको की भेड़िया बच्ची
मेक्सिको में साल 1845 में एक बच्ची जंगलों में भेड़ियों के साथ रहती पाई गई थी। उसे एक बकरी का शिकार करते लोगों ने देखा था। बाद में वह बकरी को चीर कर उसका मांस खाने लगी। उसे किसी तरह पकड़ लाया गया। लेकिन कुछ ही समय के बाद वह फिर भाग कर जंगलों में चली गई।