सार

5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉयल डे के तौर पर मनाया जाता है। इस साल इसका थीम 'स्टॉप सॉयल इरोजन, सेव आवर फ्यूचर' रखा गया है। 

हटके डेस्क: लोगों का ध्यान एयर पॉल्यूशन, वॉटर पॉल्यूशन पर तो जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग सॉइल यानी मिट्टी पर ध्यान देना भूल जाते हैं। आपको बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च के मुताबीक, भारत मिट्टी की कटाई के कारण सिकुड़ता जा रहा है। यानी किनारों से भारत की जमीन गायब होती जा रही है। अगर इसपर समय पहते ध्यान नहीं दिया गया, तो अंजाम खतरनाक हो सकते है। 

26 सालों में पता अधिक प्रभाव 
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के सेक्रेटरी एम राजीव के मुताबिक, पहले कोई उपकरण या साधन नहीं थे, जिससे मिट्टी की कटाई का पता चलता। लेकिन बीते 26 सालों में इस तरफ लोगों का ध्यान गया। जिससे हैरान करने वाली बातें सामने आई। इसमें प्रमुख थी कि किनारों से मिट्टी काटने के कारण भारत का क्षेत्रफल घटता जा रहा है। हालांकि, समुद्र से कुछ रेत और मिट्टी वापस भी जमीन पर जमा हुई, जिससे ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं दिखे।  

क्यों जरुरी है मिट्टी बचाना 
हम अंधाधुंध पेड़ काट रहे हैं। पेड़ की जड़ें मिट्टी को बांध कर रखती है। इससे बारिश आने पर या बाढ़ आने पर मिट्टी पानी सोख लेती है ना कि पानी के साथ बह जाती है। मिट्टी के बहने से भारत के किनारे सिकुड़ने लगे हैं। बढ़ती जनसंख्या के साथ अगर देश सिकुड़ता जाएगा, तो ये चिंता का विषय है। इसलिए हमें मिट्टी के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।  

सर्वे ने लोगों को चौकाया 
नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च की सर्वे के मुताबिक, भारत में समुद्र किनारे की लंबाई 7,517 किलोमीटर है। इसमें 6,031 किलोमीटर पर सर्वे किया गया था, जिसमें पता चला कि 33 प्रतिशत जमीन खिसक रही है। ज्यादातर मिट्टी ईस्टर्न कोस्ट से कट रही है। इस सर्वे में 526 मैप का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें 10 राज्यों के 66 जिले कवर किए गए थे।