सार

पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। इसी बीच शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने वीरेंद्र कुमार को राज्य के डीजीपी पद से हटा दिया है। साथ ही सरकार को निर्देशित किया गया है कि उन्हे चुनाव से संबंधित कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाए।
 

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. यहां होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं। इस बीच लगातार मिल रहीं शिकायतों को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्य के डीजीपी वीरेंद्र कुमार को पद से हटा दिया है। उनकी जगह पी निरंजयन को राज्य का नया DGP नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वीरेन्द्र को चुनाव से जुड़ी कोई भी जिम्मेदारी न दी जाए। इस बीच आयोग ने CBDT को तमिलनाडु में पोस्टेड IRS अधिकारी केजी अरुण राज का तबादला कर CBDT मुख्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं।

यह भी जानें..

  • बुधवार को नंदीग्राम में नामांकन भरने से पहले ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि उनके साथ हिंदू कार्ड न खेला जाए, क्योंकि वे भी हिंदू हैं और घर से चंडी का पाठ करके निकली हैं।
  • कोई अगर बंटवारे की बात करे, तो ऐसे लोगों की बात मत सुनना। मैं हर नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं। जब नंदीग्राम में आंदोलन हो रहा था, तब उनके घर पूजा हो रही थी। जिस तरह 14 मार्च को गोली चली थी, वो सबको याद है। बता दें ममता बनर्जी 2007 की नंदीग्राम घटना का जिक्र कर रही थीं। यहां केमिकल हब खोलने का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोली दागी थीं। इसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी।
  • ममता ने कहा कि घटनावाले दिन वो नंदीग्राम अकेली जा रही थीं। उन्हें रोकने की कोशिश की गई। राज्यपाल ने उन्हें नसीहत दी। लेकिन तमाम अत्याचारों के बाद भी वे नहीं रुकीं। बहुत से लोगों को उस वक्त उनके साथ होना चाहिए था, लेकिन वो साथ नहीं आए। ममता ने कहा कि अगर वो गलत हैं, तो जनता कहेगी, तो वो नामांकन नहीं भरेंगी।
  • ममता ने कहा कि वे भोवानीपुर से भी टिकट ले सकती थीं, लेकिन जब आप लोगों से जानने की कोशिश की, तो आपने कहा कि मैं यहां से चुनाव लड़ सकती हूं। लोगों की हां के बाद ही उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
  • ममता बनर्जी ने जनसभा के दौरान चंडीपाठ किया। उन्होंने कहा कि इंसान में हिंदू-मुस्लिम कुछ नहीं होता। विभाजनकारी राजनीति बंगाल में काम नहीं करेगी।
  • ममता ने कहा कि बंगाल की बेटी कैसे बाहरी हो गई? वो हर तीन महीने में यहां आएंगी। 1 अप्रैल को यहां वोटिंग होगी, उनका अप्रैल फूल कर दीजिए। एक अप्रैल को खेल होबे, वे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सभी का समर्थन चाहती हैं।

किराये का मकान लिया
भाजपा की चुनौती को स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी ने नंदीग्राम को अपनी रणभूमि बनाने का फैसला लिया था। यहां के मतदाताओं से सीधे संपर्क करने और अपनी टीम का हौसला बढ़ाने ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में किराये का घर लिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा समय यहां बिताया जा सके। नंदीग्राम में दूसरे चरण के दौरान 1 अप्रैल को वोटिंग होगी। भाजपा के चैलेंज को स्वीकारत हुए ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। बता दें कि नंदीग्राम बंगाल की सत्ता में अहम रोल रखता है। यहीं से 10 साल पहले ममता ने वामपंथ का 34 साल पुराना किला ढहा दिया था। तब उनके साथ शुभेंद्रु अधिकारी साथ थे। लेकिन आज ये ममता के खिलाफ हैं। भाजपा ने उन्हें नंदीग्राम से ममता के खिलाफ टिकट दिया है। भवानीपुर विधानसभा सीट से इस बार राज्य के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय चुनाव लड़ रहे हैं।

जानें कब चुनाव
बता दें कि बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में  294 में से 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।