सार

भारत के फेमस सुपर 30 कार्यक्रम के संस्थापक आनंद कुमार के साथ भावुक कर देने वाला पल गुजरा, जब वो अमेरिका के न्यू जर्सी के एक मॉल में अपने परिवार वालों के साथ समान खरीद रहे थे।

सुपर 30 आनंद कुमार।  कहते है मां-बाप के बाद शिक्षक ही सबसे बड़ा गुरु होता है, जो अपने मार्गदर्शन से पढ़ने वाले बच्चों को सफलता की ऊंचाई छूने में मदद करते हैं। वहीं कुछ ऐसे छात्र होते हैं, जो अपने शिक्षक के द्वारा बताए गए रास्तों पर चलते हैं और जीवन में कुछ कर जाते हैं, जिससे उनके शिक्षक को गर्व महसूस होता है। ऐसा ही पल भारत के फेमस सुपर 30 कार्यक्रम के संस्थापक आनंद कुमार के साथ गुजरा, जब वो अमेरिका के न्यू जर्सी के एक मॉल में अपने परिवार वालों के साथ समान खरीद रहे थे। तभी उनकी दिल छू लेने वाली मुलाकात उनके एक पूर्व छात्र संदीप चौधरी से होती है।

संदीप चौधरी ने अपने गुरु आनंद कुमार को एक झटके में पहचान लिया और पैर छूकर अपना आभार व्यक्त किया। छात्र ने कुमार की खरीदारी के लिए भुगतान करने पर भी जोर दिया और उसे घर ले गया। आनंद कुमार ने इस अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने हिंदू में पोस्ट करते हुए लिखा कि एक शिक्षक को एक छात्र की सफलता देखकर अत्यधिक गर्व महसूस होता है।

 

 

आज न्यू जर्सी के एक मॉल में बच्चों के लिए कुछ सामान खरीदते समय मुझे किसी फिल्म के सीन याद आ गया। मैं समान खरीद ही रहा था कि पीछे से एक आवाज आई, आनंद, सर आप यहां अमेरिका में।मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो एक पूर्व छात्र, संदीप चौधरी मिले, जो मेरा छूने के लिए झुके और मेरा आर्शीवाद लिया। उन्होंने मेरे मार्गदर्शन  के लिए आभार व्यक्त किया। मेरी खरीदारी का भुगतान भी उसी ने किया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई आनंद कुमार की पोस्ट

आनंद कुमार के पूर्व छात्र ने  अपनी सफलता का श्रेय शिक्षक को दिया। इसके अलावा उस छात्र ने आनंद कुमार को उनके निवास स्थान पर भी पहुंचाने में मदद की। इस पर आनंद कुमार ने कहा कि ऐसे पल आपको एक शिक्षक के रूप में बहुत ही गर्व से भर देते हैं। एक्स पर घटना से जुड़े पोस्ट को अब तक लगभग 100,000 बार देखा जा चुका है, जिसमें कई सोशल मीडिया यूजर ने कमेंट भी किया है। एक यूजर ने टिप्पणी की, "सर, आप भारत का गौरव हैं! वर्तमान युग के महान गणित के टीचर हैं। यह आपके द्वारा किए गए अपार बलिदान का एक छोटा सा प्रतीक है। 

ये भी पढ़ें: कभी धोए कोलकाता के होटलों में बर्तन, आज बेंगलुरु में है 3 पान की दुकान, पढ़ें मेहनती बिहारी की कहानी