सार
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली(Mali) में आतंकवादियों ने एक बस पर हमला करके 31 लोगों को मार दिया। हमला मालियन शहर के करीब हुआ। यहां अलगाववादी और इस्लामी समूह 2012 से ही सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध छेड़े हुए हैं।
बामको(Bamako). माली में एक बस पर आतंकवादियों(terrorists attack) के हमले कम से कम 31 लोग मारे गए हैं और आठ अन्य घायल हो गए हैं। एक सूत्र ने रूस की न्यूज एजेंसी स्पुतनिक को इसकी जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, हमला मोप्ती क्षेत्र के बांदियागरा के पूर्वी मालियन शहर(Malian town of Bandiagara) से ज्यादा दूर नहीं हुआ। बता दें कि माली की स्थिति 2012 में अस्थिर हो गई थी, जब तुआरेग आतंकवादियों(Tuareg militants) ने देश के उत्तरी भाग के विशाल क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। इस्लामवादियों की गतिविधियों, लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी(Muammar Gaddafi ) के प्रति वफादार बलों के साथ-साथ फ्रांसीसी हस्तक्षेप को लेकर संघर्ष और भी अधिक बढ़ गया।
मई में भी हुआ था राजनीति विद्रोह
मई में विद्रोही सैनिकों ने देश के निवर्तमान राष्ट्रपति बाह एन दाव (Bah N'daw) तथा प्रधानमंत्री मोक्टार ओआने (Moctar Ouane) को अपने कब्जे में ले लिया था। इससे पहले सरकार में बदलाव करके सेना के दो लोगों को मंत्रिमंडल बर्खास्त कर दिया था। इससे 9 महीने पहले सैन्य विद्रोह में सेना ने माली की सरकार को अपने कब्जे में ले लिया था।
माली में संयुक्त राष्ट्र(UN) हर साल शांतिरक्षकों पर 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है। सेना पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पिछले सितंबर, 2020 में नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने पदभार संभाला था।
जानें माली के बारे में
माली अफ्रीका महाद्वीप का सातवां बड़ा देश है। अल्जीरिया, नाइजर, बुर्किना फ़ासो, कोड द आइवोर, गिनी, सेनेगल और मारितुआना जैसे देश इसके पड़ोसी हैं। यह 12,40,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां की जनसंख्या करीब 1.3 करोड़ है। माली की अर्थव्यवस्था खेती और मत्स्य पालन पर निर्भर है। माली के कुछ प्राकृतिक संसाधनों में सोना, यूरेनियम और नमक शामिल है। माली दुनिया के सबसे निर्धनतम देशों में शुमार किया जाता है।
फ्रांस और माली के बीच तनाव
फ्रांस और माली के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। पिछले महीने ही रूस की न्यूज एजेंसी आरआईए नोवत्सकी को दिए एक इंटरव्यू में माली के प्रधानमंत्री चोगुएल कोकल्ला माईगा (Choguel Kokalla Maiga) ने आरोप लगाए थे कि फ्रांसीसी अधिकारी, आतंकवाद-रोधी अभियानों में शामिल होने का नाटक करने के बजाय, उत्तरी माली के किदल क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं। माईगा ने दावा किया था कि उनके पास इसके सबूत हैं। हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तर्क दिया था कि फ्रांस का माली में अपनी सैन्य उपस्थिति को ज्यादा समय तक बना रखने का कोई इरादा नहीं है।
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