Bangladesh NCP Leader Shot Update: बांग्लादेश में NCP नेता मोहम्मद मोतालेब सिकदर पर खुलना में फायरिंग की गई है। यह इस महीने की दूसरी हाई-प्रोफाइल शूटिंग है।इससे पहले छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में विरोध और राजनीतिक तनाव बढ़ा है। 

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शरीफ उस्मान हादी (Sharif Osman Hadi) की हत्या की आग अभी बुझी नहीं थी कि एक और नेता पर गोलियां चली हैं। सोमवार को नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के सीनियर मजदूर नेता मोतालेब सिकदर (Motaleb Sikder) को खुलना (Khulna) में गोली मार दी। यह इस महीने की दूसरी हाई-प्रोफाइल शूटिंग है, जो हादी की हत्या के बाद उभरे हिंसक विरोधों के बीच सामने आई। 42 साल के सिकदर NCP के श्रमिक संगठन के केंद्रीय नेता और खुलना डिविजनल कोऑर्डिनेटर हैं। उन पर हमला एक घर में दोपहर 12:15 बजे हुआ। पार्टी सूत्रों ने बताया कि गोली सिर को छूती हुई लगी, लेकिन उनकी स्थिति अब स्थिर है।

12 दिसंबर को उस्मान हादी पर हमला

यह हमला शरीफ उस्मान हादी की हत्या के कुछ ही दिनों बाद हुआ है, जिसने पूरे बांग्लादेश में बड़े विरोध-प्रदर्शनों को जन्म दिया था। हादी पिछले साल के जुलाई विद्रोह में सक्रिय थे और भारत के खिलाफ अपने साफ रुख के लिए जाने जाते थे। 12 दिसंबर को ढाका में गोली मार दी गई थी। हादी की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 18 दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत ने पूरे देश में छात्र और नागरिक विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए। ढाका के शाहबाग चौराहा सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने न्याय और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।

मोतालेब सिकदर पर हमले से बढ़ी हिंसा

मोहम्मद मोतालेब सिकदर पर फायरिंग ने बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के स्तर को और बढ़ा दिया है। NCP के नेता बता रहे हैं कि सिकदर खुलना में होने वाले श्रमिक रैली की तैयारियों में सक्रिय थे और इस हमले से इस रैली पर भी असर पड़ सकता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और हमलावरों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह के अतिरिक्त हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को गहरा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में स्थिरता के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है, वरना विरोध और हिंसा और तेज हो सकती है।