सार

दक्षिण अफ्रीका में  अपने मित्र जैकब जुमा(Jacob Zuma) के राष्ट्रपति रहते  2,60,000 करोड़ से अधिक का फ्रॉड करने वाले गुप्ता ब्रदर राजेश-अतुल को दुबई में अरेस्ट किया गया है। इनका तीसरा भाई अजय की गिरफ्तारी की अपनी पुष्टि नहीं हो सकती है। इन्हें संयुक्त अरब अमीरात( UAE) की लॉ एनफोर्समेंट अथॉरिटी (law enforcement authorities) ने पकड़ा है।

जोहान्सबर्ग(Johannesburg). दक्षिण अफ्रीका में इतिहास के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के पर्याय बने गुप्ता ब्रदर राजेश-अतुल को दुबई में अरेस्ट किया गया है। इनका तीसरा भाई अजय की गिरफ्तारी की अपनी पुष्टि नहीं हो सकती है। इन्हें संयुक्त अरब अमीरात( UAE) की लॉ एनफोर्समेंट अथॉरिटी (law enforcement authorities) ने पकड़ा है। गुप्ता बंधुओं ने दक्षिण अफ्रीका में अपने मित्र जैकब जुमा(Jacob Zuma) के राष्ट्रपति रहते  2,60,000 करोड़ से अधिक का फ्रॉड किया था। दक्षिण अफ्रीका ने दुबई में गुप्ता भाइयों राजेश और अतुल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

फ्राड के बाद दुबई आकर रहने लगे थे
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सोमवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गुप्ता परिवार के राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। गुप्ता बंधुओं पर दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपनी दोस्ती का लाभ उठाते हुए  भ्रष्टाचार किया था। हालांकि वे इससे इनकार करते आए हैं। अधिकारियों ने कहा कि 2018 में दक्षिण अफ्रीका में पैरास्टेटल संस्थानों से अरबों रैंड(rand-करेंसी) लूटने के बाद, गुप्ता परिवार दुबई में आत्म-निर्वासन में चला गया।  अब "संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आगे के रास्ते पर चर्चा जारी है। दक्षिण अफ्रीकी सरकार यूएई के साथ सहयोग करना जारी रखेगी। इंटरपोल ने गुप्ता बंधुओं को रेड नोटिस जारी किया था, जिन्हें अमेरिका और ब्रिटेन ने भी गैर दया का पात्र  व्यक्ति(non gracious person) घोषित किया था।

पूरा देश बर्बादी के कगार पर चला गया था
गुप्ता फैमिली 2018 में दक्षिण अफ्रीका से भाग गई थी। तब देशव्यापी हिंसक आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद हो गया था। आखिर में जुमा को हटा कर सिरिल रामफोसा(Cyril Ramaphosa) को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने भी संयुक्त राष्ट्र से गुप्ता को दक्षिण अफ्रीका वापस लाने की अपील की थी। हालांकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि(extradition treaty) नहीं थी। जून 2021 में संधि की पुष्टि की गई, जब दक्षिण अफ्रीका ने गुप्ता बंधु के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की। टैक्स एब्यूज को खत्म करने वाले संगठन के सीईओ वेन डुवेनहेज ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्तों द्वारा लगभग 15 बिलियन रैंड लूटे गए थे।

जूते की दुकान चलाते थे
मूल रूप से भारत के यूपी के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार ने 1990 के दशक की शुरुआत में जूते की दुकान खोलकर दक्षिण अफ्रीका में प्रवेश किया था। उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल करने के लिए विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश अब बिक चुके हैं या बंद हो गए हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) भी इस घोटाले में शामिल हो गया, जब यह सामने आया कि उन्होंने गुप्तों के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था।

दक्षिण अफ्रीका में दंगे तक भड़क उठे थे
दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति रहते जैकब जुमा(Jacob Zuma) ने तीन गुप्ता बंधु-अतुल, अजय और राजेश की सहारा नाम से संचालित कम्प्यूटर फर्म को 2,60,000 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाया था। यह मामला उनके कार्यकाल 2009-18 के बीच का है। गुप्ता बंधु भारत में यूपी के सहारनपुर से ताल्लुक रखते हैं। वे 1993 में दक्षिण अफ्रीका जाकर बस गए थे। इस समय वे दुबई में स्वनिर्वासन में रह रहे थे। दक्षिण अफ्रीका सरकार उनका प्रत्यर्पण करने की कार्यवाही में लगी है।  बता दें कि जैकब के करप्शन के चलते दक्षिण अफ्रीका की इकोनॉमी बर्बाद हो गई। लिहाजा जुलाई, 2021 में देश में दंगे तक भड़क उठे थे। जैकब को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

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