सार

भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बीच शुक्रवार को बातचीत हुई। दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात की। इस दौरान नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने खालिस्तान का मुद्दा उठाया।

नई दिल्ली। दो दिन के भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच शुक्रवार को बैठक हुई। इस संबंध में जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रिंगला ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी और पीएम बोरिस जॉनसन ने चल रहे एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) वार्ताओं पर चर्चा की। दोनों पक्ष ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, व्यापार, रक्षा पर निगम के लिए सहमत हुए।

हर्ष वर्धन ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बोरिस जॉनसन के सामने खलिस्तान का मुद्दा उठाया। जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन भारत की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है और इस मुद्दे के लिए शून्य सहनशीलता होगी। विदेश सचिव ने कहा कि भारत इंडो-प्रशांत महासागर पहल में ब्रिटेन का स्वागत करता है। दोनों देश खुले, मुक्त और सुरक्षित भारत-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की दिशा में सहयोग करने पर सहमत हुए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर हुई बात
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia Ukraine War) पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में बढ़ रहे मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने हिंसा के तत्काल समाप्ति के लिए अपनी कॉल दोहराई और स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए मजबूत वकालत की। 

भारत ने ब्रिटेन में रह रहे आर्थिक अपराधियों का मुद्दा उठाया। हर्ष वर्धन ने कहा कि हम ब्रिटेन के साथ विभिन्न स्तरों पर कुछ समय से इस मामले को उठा रहे हैं। हमारा उद्देश्य उन आर्थिक अपराधियों को वापस लाना है। उन्हें भारत में न्याय का सामना करना होगा। बता दें कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान कुल दो जी2जी एमओयू और चार गैर-सरकारी एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।

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अगले सप्ताह यूक्रेन में अपना दूतावास खोलेगा यूके
नई दिल्ली में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि यूके अगले हफ्ते यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने दूतावास को फिर से खोल देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैंने अपने वार्ताकारों को दिवाली तक मुक्त व्यापार समझौते को लेकर हो रही बातचीत का निष्कर्ष निकालने को कहा है।

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