सार
प्रॉजेक्ट के सह-संस्थापक वोहटेक एमंड ने बताया कि ममी को 1826 में पोलैंड लाया गया था। पहले माना जा रहा था कि यह एक महिला की है लेकिन 1920 के दशक में इस पर मिस्र के पुजारी का नाम लिखा पाया गया था।
वर्ल्ड डेस्क. मिस्र (Egyptian mummy) के वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया जिसे पुरुष पुजारी की ममी मान रही थी, वह एक गर्भवती महिला की ममी (pregnant woman mummy) निकली। ये दुनिया का पहला ऐसा मामला होगा जिसमें गर्भवती महिला की प्राचनी ममी इतनी सुरक्षित हालत में रखी हुई है। अब साइंटिफिक जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि ये पुरुष नहीं गर्भवती महिला की ममी है। वॉरसॉ ममी प्रॉजेक्ट के तहत इसकी खोज की गई है। यह टीम 2015 से प्राचीन मिस्र की ममीज पर काम कर रही है।
ममी में लिखा था पुजारी का नाम
पोलैंड के रिसर्चर (Scientists in Poland) मारजेना ओजारेक जिल्के ने बताया ये दुनिया का पहला ऐसा केस है जिसमें किसी गर्भवती महिला की ममी इतनी सुरक्षित हालत में है। ये ममी वॉरसॉ में 1826 में आई थी। इसकी ताबूत पर पुरुष पुजारी का नाम लिखा था।
कैसे हुआ खुलासा
रिसर्च के दौरान कंप्यूटर टोमोग्राफी की मदद से बिना उसकी पट्टियां खोले पुष्टि की गई कि यह एक महिला की ममी है क्योंकि इसमें पुरुषों का प्राइवेट पार्ट नहीं है। 3डी इमेजिंग में लंबे-घुंघराले बाल और स्तनों की पुष्टि की गई। बताया जा रहा है कि महिला की जब मौत हुई तब वह 20 से 30 साल की रही होगी और भ्रूण 26-30 हफ्तों का। उसकी मौत कैसे हुई यह अभी नहीं पता चला है।
रिपोर्ट हुई प्रकाशित
वॉरसॉ नेशनल म्यूजियम स्थित ममी प्रोजेक्ट में इस ममी की जांच की गई है। इसकी रिपोर्ट जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुई है। पोलिस एकेडमी ऑफ साइंसेस के साइंटिस्ट वोजिसयेक एसमंड ने कहा कि ये हमारे लिए बेहद हैरानी वाली खोज थी लेकिन बेहद खुशी वाली भी।
कैसे बनाते हैं ममी
ममी बनाने के लिए मृतक के अंगों को निकाल दिया जाता था। लेकिन इस ममी से भ्रूण को क्यों नहीं निकाला गया। माना जा रहा है कि इसके पीछे कोई धार्मिक कारण हो सकता है या फिर कोई दूसरा कारण हो सकता है।