पिछले दिनों एक अमेरिकी कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सहयोगी देशों से होने वाले आयात पर लगाए गए टैरिफ को अवैध करार दिया था। ट्रंप ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। कहा है कि इससे अमेरिकी व्यापार वार्ता कमजोर हो रही है।
Donald Trump Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत समेत अन्य सहयोगी देशों के खिलाफ भारी टैरिफ लगाकर परेशानी में फंसे हैं। अमेरिका के लोग उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। पिछले दिनों एक निचली अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को अवैध करार दिया था। ट्रंप ने इस फैसले के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। अपील किया कि वैश्विक टैरिफ रद्द करने वाले फैसले के खिलाफ विचार करें। निचली अदालत के फैसले से अमेरिकी व्यापार वार्ता कमजोर हो रही है।
एक इमरजेंसी याचिका में सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने सुप्रीम कोर्ट के जजों से जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया। कहा कि राष्ट्रपति के कानूनी अधिकार की पुष्टि करना बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति के टैरिफ की पूरी कानूनी स्थिति को जितनी संभव हो सके उतनी हद तक हल किया जाना जरूरी है। ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया है कि भारत पर लगाए गए टैरिफ से यूक्रेन में शांति होगी।
कोर्ट ने कहा था- ट्रंप ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया
सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध एक संघीय अपील अदालत द्वारा 7-4 मतों से दिए गए उस फैसले के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप ने अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने के लिए आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग किया। इस तरह उन्होंने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है। कोर्ट ने सरकार को समीक्षा के लिए समय देने के लिए टैरिफ अक्टूबर के मध्य तक लागू रखने का आदेश दिया।
भारत पर लगे टैरिफ से यूक्रेन में आएगी शांति
ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में लगाई अपनी याचिका में तर्क दिया है कि भारत के खिलाफ लगाए गए टैरिफ से यूक्रेन में शांति आएगी। ये यूक्रेन में "शांति के लिए हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू" हैं। ट्रंप प्रशासन ने लिखा,
राष्ट्रपति ने हाल ही में यूक्रेन में रूस के युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने के लिए रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ टैरिफ लगाया है। यह उस युद्धग्रस्त देश में शांति के लिए उनके प्रयास का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर क्यों उठ रहे सवाल?
ट्रंप ने अमेरिका के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 10% आधारभूत टैरिफ लगाया है। इसके साथ ही भारत और ब्राजील जैसे देशों पर अधिक टैरिफ लगाया है, जिनके बारे में ट्रंप मानते हैं कि वे अनुचित व्यापार कर रहे हैं। कनाडा, चीन और मेक्सिको पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाए गए।
यह भी पढ़ें- बेंगलुरु के IT सेक्टर पर डोनाल्ड ट्रंप की पैनी नज़र, क्या भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर?
इन उपायों को उचित ठहराने के लिए ट्रंप ने 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम का हवाला दिया। यह राष्ट्रपति को आपातकाल के समय अर्थव्यवस्था को रेगुलेट करने की अनुमति देता है। अपील अदालत ने पाया कि इस कानून में "शुल्क या इसी तरह की अन्य चीजें लगाने या कर लगाने की शक्ति स्पष्ट रूप से शामिल नहीं है।" ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ट्रंप ने किस शक्ति का इस्तेमाल कर टैरिफ लगाए हैं।
