सार

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मलेशिया को भारत के अंदरूनी मामलों पर, खास तौर से तथ्यों की समझ के बगैर टिप्पणी करने से बचना चाहिए
 

नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के उस बयान को विदेश मंत्रालय ने 'तथ्यात्मक रूप से गलत' करार दिया जिसमें उन्होने कहा था कि कुछ मुसलमानों को नागरिकता से वंचित रखने के लिए भारत यह कदम उठा रहा है ।

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मलेशिया को भारत के अंदरूनी मामलों पर, खास तौर से तथ्यों की समझ के बगैर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा था, ''स्वयं को धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करने वाले भारत को देख कर मुझे दुख होता है कि अब वह कुछ मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए कदम उठा रहा है।''

भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ''मीडिया की खबर के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी की है। सीएए उन लोगों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को तेज करता है जो धार्मिक कारणों से सताए जाने की वजह से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से देश में आए हैं।''

मंत्रालय ने कहा,''इस कानून से किसी भी भारतीय नागरिक की स्थिति प्रभावित नहीं होती या किसी भी भारतीय या धर्मावलंबी नागरिकता से वंचित नहीं होता। इस प्रकार मलेशियाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)