सार
इटली में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार दक्षिणपंथी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली सत्ता में आने वाली है। जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी।
रोम। जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने वाली हैं। प्रोविजनल रिजल्ट के अनुसार इटली की दक्षिणपंथी पार्टी को बहुमत मिलने वाली है। संभव है कि इससे इटली का राजनीतिक उथल-पुथल खत्म हो और देश में नाजुक गठबंधन के वर्षों के बाद राजनीतिक स्थिरता आए।
मेलोनी और उसके सहयोगियों को सत्ता संभालने के बाद कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऊर्जा की बढ़ती कीमत और यूक्रेन में युद्ध से इटली की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। यूरो जोन की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी के लक्षण दिख रहे हैं। 45 साल की मेलोनी ने सोमवार तड़के अपने समर्थकों से कहा, "हमें याद रखना चाहिए कि हम एंडपॉइंट पर नहीं हैं। हम शुरुआती बिंदु पर हैं। हमें अपनी योग्यता साबित करनी चाहिए।"
मेलोनी ने अपनी पार्टी की पोस्ट-फासीवादी जड़ों पर कम बात की। उन्होंने पार्टी को ब्रिटेन के रूढ़िवादियों जैसे मुख्यधारा के समूह के रूप में लोगों के सामने पेश किया। उन्होंने यूक्रेन पर पश्चिमी नीति को वापस करने और इटली की नाजुक आर्थिक स्थिति के साथ जोखिम नहीं उठाने का वादा किया है।
बिजनेस फ्रेंडली व्यवस्था का समर्थन करती हैं जियोर्जिया मेलोनी
जियोर्जिया मेलोनी की पहचान बिजनेस फ्रेंडली व्यवस्था का समर्थन करने वाली नेता के रूप में है। वह दक्षिणपंथी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की नेता हैं। वह 2006 से इटली में चैंबर ऑफ डेप्युटीज की सदस्य रही हैं। वह 2014 से ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार इटली में इस पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
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सत्ता संभालने के बाद मेलोनी इटली में जन्मदर को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर सकती हैं। वह अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए मुखर रहीं है। वह अप्रवासियों को रोकने के लिए सैन्य नाकाबंदी जैसा सख्त फैसला भी कर सकती हैं। मोलोनी ने बहुत कम उम्र में राजनीति में कदम रखा था। वह 1998 से 2002 तक रोम प्रांत की पार्षद रहीं। वह यूथ एक्शन की अध्यक्ष रही हैं।
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