सार

गूगल (Google) और ऑस्ट्रेलियाई सरकार (Government of Australia) के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद अब बढ़ता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत गूगल और फेसबुक (Facebook) को ऑस्ट्रेलियाई पब्लिशर्स के न्यूज कंटेंट को पब्लिश करने पर उन्हें पेमेंट करना होगा। 
 

इंटरनेशनल डेस्क। गूगल (Google) और ऑस्ट्रेलियाई सरकार (Government of Australia) के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद अब बढ़ता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत गूगल और फेसबुक (Facebook) को ऑस्ट्रेलियाई पब्लिशर्स के न्यूज कंटेंट को पब्लिश करने पर उन्हें पेमेंट करना होगा। गूगल इसका विरोध कर रही है। गूगल ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार को यह अल्टिमेटम दे दिया है कि वह ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को डिसेबल कर सकती है यानी वहां अपनी सर्विस बंद कर सकती है। गूगल का कहना है कि अगर उसे खबरों के लिए लोकल पब्लिशर्स को पैसे देने के लिए मजबूर किया गया तो वह ऑ‍स्‍ट्रेलिया में अपना सर्च इंजन बंद कर देगी। बता दें कि ऐसा करने पर बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया में 95 फीसदी इंटरनेट सर्च गूगल पर ही किए जाते हैं।

फेसबुक ने भी जताई आपत्ति
गूगल के साथ-साथ फेसबुक को भी इस कानून के तहत निशाने पर लिया गया है। फेसबुक ने भी इस कानून का विरोध किया है। फेसबुक का कहना है कि अगर इस तरह के कानून को लाया गया तो वह ऑस्‍ट्रेलिया के न्‍यूज पोस्‍ट करने पर रोक लगा सकती है।

गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन
गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है और कंपनी पर पैसा देने के लिए पूरी दुनिया के देश दबाव बना रहे हैं। ऑस्‍ट्रेलिया में गूगल के जरिए 95 फीसदी इंटरनेट सर्च किए जाते हैं। वहीं, फ्रांस ने पहले से ही अपने कंटेंट पर कॉपीराइट कानून लागू कर रखा है और इसके लिए गूगल को पैसे देने पड़े हैं।

गूगल की धमकी 
गूगल ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार को सर्विस बंद करने की धमकी ऐसे वक्त में दी है जब वह एक फ्रेंच न्यूज पब्लिशर के साथ पहले ही कंटेंट पेमेंट डील के लिए तैयार हो चुका है। बता दें कि जब इस विवाद की शुरुआत हुई थी, तब ऑस्ट्रेलिया इंस्टीट्यूट सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर पीटर लिविस ने कहा थी कि गूगल की यह धमकी उन लोगों के लिए कुछ भी नहीं है, जो लोकतंत्र की मूल्यों में यकीन रखते हैं।

क्या कहना है ऑस्ट्रेलिया सरकार का 
ऑस्ट्रेलिया की संसद 15 फरवरी से गूगल और फेसबुक पर लागू किए जाने वाले दुनिया के पहले कानून पर विचार करेगी। एक प्रमुख सीनेट कमेटी ने शुक्रवार को इस संबंध में विधेयक पारित करने की सिफारिश की है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार का कहना है कि उसे उम्मीद है कि सभी पक्ष वाणिज्यिक समझौते के लिए सकारात्मक रुख अपनाएंगे। सरकार का कहना है कि स्थानीय मीडिया इंडस्ट्री जिसमें रूपर्ट मर्डोक के न्यूज कॉर्प और सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड-पब्लिशर नाइन एंटरटेनमेंट कंपनी शामिल हैं, को गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियों ने विज्ञापनों से मिलने वाले रेवेन्यू का नुकसान पहुंचाया है और उन्हें न्यूज कंटेंट के लिए सही पेमेंट किया जाना चाहिए।

क्या होगा अगर गूगल सर्विस बंद करती है
अगर गूगल और ऑस्ट्रेलया की सरकार किसी समझौते तक नहीं पहुंच पाती है, तो गूगल देश में अपनी सर्विस बंद कर देगी। मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक और दूसरे पब्लिशर्स के हितों की अनदेखी ऑस्ट्रेलियाई सरकार नहीं कर सकती। बहरहाल, अगर ऐसी स्थिति आती है कि गूगल ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को डिसेबल कर दे तो ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला गूगल मुक्त देश नहीं होगा। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में गूगल नहीं है। चीन में Baidu सर्च इंजन के जरिए काम होता है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया को भी गूगल का ऑप्शन तैयार करना होगा, जो उसके लिए बहुत आसान नहीं है। हालांकि, ब्रिस्बेन स्थित क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Queensland University of Technology) में डिजिटल कम्युनिकेशन के एसोसिएट प्रोफेसर डैनियल एंगस (Daniel Angus) ने कहा है कि बिंग के जरिए गूगल से प्रतिस्पर्धा कर पाना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि गूगल के सर्विस डिसेबल कर देने के बाद इंटरनेट सर्च के लिए दूसरे ऑप्शन की तलाश बेहद जरूरी हो जाएगी।