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2018 में सिंगापुर के जिस सबसे पुराने मंदिर में मोदी पहुंचे थे, साउथ के कारीगरों ने उसे एक साल में अद्भुत बना दिया
बारिश के बीच करीब 20,000 लोग सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग(Lawrence Wong) के साथ देश के सबसे पुराने हिंदू मंदिर के जीर्णोद्धार और अभिषेक में शामिल हुए। एक नेशनल स्मारक श्री मरिअम्मन मंदिर को एक साल बाद 12 फरवरी को जनता के लिए खोल दिया गया।
| Published : Feb 13 2023, 01:15 PM IST / Updated: Feb 13 2023, 01:17 PM IST
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सिंगापुर(Singapore). ये तस्वीरें सिंगापुर के सबसे पुराने हिंदू मंदिर की हैं। यहां बारिश के बीच करीब 20,000 लोग सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग(Lawrence Wong) के साथ देश के सबसे पुराने हिंदू मंदिर के जीर्णोद्धार और अभिषेक में शामिल हुए। एक नेशनल स्मारक(national monument) श्री मरिअम्मन मंदिर को एक साल बाद 12 फरवरी को जनता के लिए खोल दिया गया। इस मंदिर के री-कंस्ट्रक्शन पर करीब 3.5 मिलियन सिंगापुर डॉलर (2.6 मिलियन अमरीकी डालर) खर्च हुए हैं। भारत के 12 विशेषज्ञ मूर्तिकार(specialist sculptors) और सात मेटल व वुड कारीगर(artisans) ने मंदिर के गर्भगृह, गुंबदों और छत के भित्तिचित्रों पर काम किया है।
सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग(Lawrence Wong) ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "यह बहुसांस्कृतिक सिंगापुर में रहने का हिस्सा है, जहां पूरा समुदाय एक दूसरे के सांस्कृतिक और धार्मिक मील के पत्थर का जश्न मनाने के लिए एक साथ आता है।"
वोंग ने कहा, "सुबह की बारिश ने भी श्री मरिअम्मन मंदिर के अभिषेक समारोह का जश्न मनाने के लिए यहां करीब 20,000 लोगों का उत्साह कम नहीं किया। उन्हें समारोह में हिस्सा लेकर खुशी हुई।"
मंदिर के जीर्णोद्धार का नेतृत्व मुख्य मूर्तिकार डॉ. के दक्षिणामूर्ति ने किया। ये तमिलनाडु के हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल बंदोबस्ती(Endowments) के रीस्टोरेशन एडवायजर हैं। वोंग रविवार तड़के समारोह में कम्यूनिकेशन और इनफॉर्मेशन मिनिस्टरजोसफीन टेओ, परिवहन मंत्री एस ईश्वरन और सांसद मुरली पिल्लई के साथ-साथ दक्षिण भारत के प्रवासी श्रमिकों के साथ शामिल हुए।
प्रवासी श्रमिकों को वीडियो कॉल के माध्यम से विदेशों में अपने परिवारों के साथ अनुभव शेयर करते देखा गया। 40 वर्षीय प्रवासी कार्यकर्ता जगदीश राममूर्ति ने यहां की व्यवस्थाओं को सराहा। मंदिर के मुख्य आंतरिक गर्भगृह में श्री मरिअम्मन देवता को रोशन करने वाले बिजली के लैंपों को पारंपरिक तेल के लैंपों से बदल दिया गया है। मंदिर के अध्यक्ष एस लक्ष्मणन ने कहा कि गर्भगृह अब 'मां के गर्भ' में होने जैसी भावनाएं पैदा करेगा। अभिषेक समारोह के बाद 48 दिनों के धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे, जिसे मंडलाभिषेकम के नाम से जाना जाता है। फोटो क्रेडिट-MARKCHEONG/straitstimes
बता दें कि ये वही मंदिर है, जहां 2018 में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी भी जा चुके हैं।