सार
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के पहले सत्र में हिस्सा लेने के लिए इस माह के आखिर में अमेरिका जा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ दो बार मुलाकात का मौका मिल सकता है।
इस्लामाबाद. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के पहले सत्र में हिस्सा लेने के लिए इस माह के आखिर में अमेरिका जा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ दो बार मुलाकात का मौका मिल सकता है। जियो न्यूज की खबर में बताया गया है कि खान के कार्यक्रम के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात दोपहर के भोजन पर होगी, जबकि दूसरी मुलाकात चाय पर होगी।
27 सितंबर को यूएनजीए को संबोधित करेंगे
खबर में कहा गया है कि अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की होने वाली बैठकों के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। खान संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में भाग लेने के लिए 21 सितंबर को न्यूयॉर्क पहुंचेंगे। वह 27 सितंबर को यूएनजीए को संबोधित करेंगे। अगस्त 2018 में पद संभालने के बाद से यह उनका पहला यूएनजीए सत्र होगा।
जुलाई में, इमरान ने ट्रम्प के साथ एक बैठक की थी
वह विश्व के अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें भारत द्वारा 5 अगस्त को कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किये जाने के बाद कश्मीर में कथित तौर पर तनावपूर्ण स्थिति के बारे में भी अवगत करायेंगे। यह खान की अमेरिका की दूसरी यात्रा होगी। जुलाई में, खान ने ट्रम्प के साथ एक बैठक की थी, जिसके दौरान उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थ’’ बनने की पेशकश की थी।
ट्रम्प के दावों को भारत ने किया था खारिज
ट्रम्प ने तब दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए कहा था। हालांकि, भारत सरकार ने राष्ट्रपति ट्रम्प के आश्चर्यजनक दावे से इनकार किया था।
धारा 370 हटने के बाद से भारत-पाक में है तनाव
गौरतलब है कि भारत ने अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस वास्तविकता को स्वीकार कर लेना चाहिए।
(नोट- यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)