सार
भारत के डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री (Deputy NSA Vikram Misri) ने चीन के उस संदेह को खत्म कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि इंडिया-यूएस किसी तरह का सैन्य गठबंधन बना रहे हैं। इस मामले में भारत ने अपना पक्ष बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है।
Deputy NSA Vikram Misri. भारत के डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री ने चीन का संदेह दूर करते हुए कहा कि भारत सैन्य गठजोड़ में भागीदार होने में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने क्लियर किया कि हम सैन्य और रक्षा क्षेत्रों सहित कई देशों के साथ भागीदारी रखते हैं। लेकिन सैन्य गठबंधन बहुत ही अलग तरह का संकेत है। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हम किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।
सिंगापुर में हुआ शांगरी-ला डायलॉग 2023
भारत और अमेरिका ने साफ कर दिया है कि दोनों देश सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। हाल ही में सिंगापुर में आईआईएसएस शांगरी-ला डायलॉग 2023 के विशेष सत्र में भाग लेते हुए भारत के डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने चीनी सैन्य प्रतिनिधि के प्रश्न का जवाब दिया। जिसने हिंद महासागर में यूएसए के साथ सहयोग बढ़ाने को लेकर भारत की बढ़ती गति पर चिंता व्यक्त की गई थी।
भारत ने चीन के संदेह को कैसे दूर किया
चीनी प्रतिनिधि के इस सवाल का जवाब देते हुए कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा में अमेरिका की भूमिका को कैसे देखता है? क्या वह हिंद महासागर सुरक्षा में बराबर का भागीदार है खुद को लीडर के तौर पर देखता है? इसका जवाब देते हुए विक्रम मिश्री ने कहा कि यह सवाल भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंधों को लेकर है और इसकी कुछ विशेषताएं हैं, जरूरी नहीं कि हम सहमत हों। लेकिन सबसे पहले मुझे यह कहना है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा और सैन्य संबंध है। हम प्रशिक्षण से लेकर संयुक्त अभ्यास के लिए एक मंच पर आते हैं। साथ ही कई क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। हम खुफिया सूचनाएं भी शेयर करते हैं लेकिन जहां तक सैन्य गठबंधन का सवाल है तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि हम किसी भी सैन्य गठबंधन में नहीं हैं। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि क्वाड समूह कोई सैन्य समूह नहीं है।
चीन ने दी थी नाटो जैसे गठबंधन की धमकी
सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग में ही चीन के डिफेंस मिनिस्टर ली शांगफू ने बयान दिया था कि इंडो-फैसिफिक रीजन में जिस तरह से छोटे-छोटे संगठन बन रहे हैं। उससे वह दिन दूर नहीं जब एशिया में भी नाटो की तरह गठबंधन बन जाएगा। चीन का निशाना क्वाड की तरफ था। वहीं भारत ने क्लियर किया है कि क्वाड कोई सैन्य गठबंधन नहीं है।
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