सार
मध्य पूर्व में इज़रायल और लेबनान के हिज़्बुल्ला के बीच युद्ध के कारण वहाँ की स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। ऐसी स्थिति में, भारतीय सेना के जवानों को वहाँ तैनात किया गया है। विश्व संस्था की शांति सेना में कार्यरत 600 से अधिक भारतीय जवानों को इज़रायल-लेबनान सीमा पर तैनात किया गया है, जहाँ भारतीय सेना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
हाल ही में लेबनान में हुए पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों में कई लोग हताहत हुए थे, जिसके बाद लेबनान के हिज़्बुल्ला संगठन और इज़रायल के बीच संबंध युद्ध की कगार पर पहुँच गए हैं। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में, लगभग 600 भारतीय जवान सीमा पर शांति और स्थिरता की स्थिति पर पैनी नज़र रखे हुए हैं।
भारतीय जवानों को 'ब्लू लाइन' पर तैनात किया गया है, जो इज़रायल और लेबनान के बीच की सीमा रेखा है। विश्व संस्था की शांति सेना 'इंटीरिम फोर्स इन लेबनान' (UNIFIL) के तहत हमारे भारतीय जवानों को वहाँ तैनात किया गया है। इस हिंसाग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापित करना और हिंसा को रोकना इस सेना का लक्ष्य है। यहाँ भारतीय जवान सीधे युद्ध में शामिल नहीं होंगे, बल्कि स्थिरता बनाए रखने और उकसावे को रोकने पर उनका ध्यान केंद्रित रहेगा। साथ ही, वहाँ मौजूद विश्व संस्था के कर्मचारियों की सुरक्षा और शांति अभियान को सुचारू रूप से चलाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा, सीमा पर किसी भी तरह की हिंसा को रोकना भी उनकी ज़िम्मेदारी होगी।
हिज़्बुल्ला द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए विस्फोटों के बाद, इज़रायल ने लेबनान पर मिसाइल हमले किए। इसके जवाब में, इज़रायल डिफेंस फोर्स द्वारा लेबनान में किए गए हमलों में 400 से अधिक लोगों की मौत होने की खबर है।