सार

म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना की क्रूरता घटने का नाम नहीं ले रही है। यहां सेना ने अभी तक 20 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया है। ताजा मामले में सेना ने घर में घुसकर एक 7 साल की मासूम को उसके पिता की गोद में ही भून डाला। बच्ची की गलती बस इतनी थी कि उसने अपने पिता की जान बचाने को झूठ बोला था। 

वर्ल्ड डेस्क: काफी इंतजार और स्ट्रगल के बाद म्यंमार में सेना के हाथ से कमान ली गई थी। लेकिन 2021 में सेना ने एक बार फिर तख्तापलट कर दिया। लोगों को इसके बाद से ही डर था कि कहीं पहले की ही तरह सेना अपने क्रूर रूप में ना आ जाए। लोगों का डर सही साबित हुआ और अब इस देश में सेना ने क्रूरता की हद पार करनी शुरू कर दी है। ना सिर्फ आम लोगों को, सेना तो बच्चों को भी मारने से बाज नहीं आ रही। तभी तो अब तक के प्रदर्शन और हमलों में करीब 20 बच्चों की जान जा चुकी है। अब म्यांमार सेना 7 साल की बच्ची की हत्या करने के बाद लोगों के निशाने पर आ गई है। 

सेना ने पहले की बेरहमी से पिटाई 
ये दर्दनाक घटना म्यांमार के मांडले शहर में हुई। यहां सेना एक शख्स की तलाश करते हुए पहुंची थी। तलाशी के दौरान उन्होंने एक घर का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा 7 साल की बच्ची खिन मायो चित ने खोला। जब पुलिस ने उससे पूछा कि घर में कौन है, तो उसने कह दिया कि वो घर में अकेली है। इसके बाद पुलिस ने उसे झूठा बोलकर खूब पीटा। 

पिता की गोद में ही मारी गोली 
इस दर्दनाक घटना को खिन के पड़ोसियों ने भी देखा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मासूम खिन को काफी बेरहमी से मारा। इसके बाद खिन रट हुए अपने पिता की गोद में चढ़ गई। लेकिन सेना को तरस नहीं आया। उन्होंने खिन और उसके पिता पर गोलियां चला दी। इसमें से एक बुलेट खिन को लग गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। 

अब तक की सबसे कम उम्र की पीड़ित 
म्यांमार में जब से सैन्य तख्तापलट हुआ है, तबसे आम लोग इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में सेना प्रदर्शनकारियों को चुन-चुनकर मार रही है। अभी तक कई लोगों को मार दिया गया है.इसमें बच्चे भी शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक कुल 20 बच्चों की मौत प्रदर्शन में हुई है। इसमें खिन सबसे कम उम्र की पीड़ित हैं।